Hazaribag : हजारीबाग में लाइफ केयर अस्पताल संचालित करने वाले निशांत प्रधान ने सुदामा प्रसाद पर गलत मामले में फंसाने का आरोप लगाया है. इस बाबत एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. उन्होंने कहा- मेरे खिलाफ दिनांक 07/01/2022 को हजारीबाग मुफ्फसिल थाना में कांड संख्या 11/ 22 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो कि बिल्कुल गलत और निराधार है. मैंने राजेन्द्र प्रसाद से 12 सितंबर 2020 को हजारीबाग रजिस्ट्री ऑफिस से जमीन रजिस्ट्री ( केवाला ) द्वारा खाता नंबर 05 प्लाट नंबर 404 सरकारी शुल्क देकर ख़रीदी है. लेकिन जब मैं जमीन पर चहारदीवारी करवाने दिनांक 01/11/2020 को पहुंचा तो वहां शिव प्रसाद, सुदामा प्रसाद स्वयं और उनके साथ चार- पांच अन्य व्यक्ति पहुंचकर चहारदीवारी का निर्माण कार्य बंद करवा दिया. साथ ही धमकी भी दी.
धमकी दी और चहारदीवारी निर्माण कार्य बंद करवा दिया
इसके बाद मैंने 02 /11 2020 को पुलिस अधीक्षक हजारीबाग और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर हजारीबाग को आवेदन दिया था कि मेरे साथ सुदामा प्रसाद, शिव प्रसाद एवं अन्य चार -पांच व्यक्तियों द्वारा चहारदीवारी निर्माण के समय धमकी दी गयी और चहारदीवारी निर्माण कार्य बंद करवा दिया गया है. कांड संख्या 11/22 में मेरे ऊपर झूठा आरोप लगाते हुए मेरे बारे में बताया गया है कि वर्ष 2011 से मुझे (सुदामा प्रसाद ) धमकी दी जा रही है, जबकि मैं वर्ष 2019 के अक्टूबर माह में हजारीबाग लौटा हूं. इससे पहले मैं मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करता था. नौकरी के दौरान मैं दिल्ली, नोयडा (यूपी), यूएस (अमेरिका) आदि जगहों पर अपनी कंपनी के लिए सेवा देता रहा था.
सुदामा प्रसाद हमारी जमीन को हड़पना चाहता है
दूसरी बात सुदामा प्रसाद द्वारा दर्ज कांड संख्या 11/22 में लिखा गया है कि उसने खाता संख्या 5, प्लॉट संख्या 690, सन 1989 में ( रजिस्ट्री द्वारा ) जमीन ली थी, तो ऐसी परिस्थिति में मैं कहां गलत हूं. मुझ पर और मेरे बड़े भाई प्रशांत प्रधान जो अभी वर्तमान समय में लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग में झूठा एवं गलत केस में बंद हैं, दोनों भाइयों पर झूठा मुकदमा दर्ज कर प्रतिष्ठा एवं मान- सम्मान का हनन किया जा रहा है. सुदामा प्रसाद सीधे तौर पर हमारी जमीन को हड़पना चाहता है. पूरे मामले को देखें तो पूर्व में दिये गये मेरे आवेदन पर किसी तरह की कोई कर्रवाई नहीं की गयी. वहीं निराधार मामले में झूठा आरोप लगाते हुए मेरे ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें पुलिस की मिलीभगत साफ झलकती है. झूठा मुकदमा दायर कर स्थानीय पुलिस एवं पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा केस में फंसाया जा रहा है. मैंने जो जमीन की रजिस्ट्री करायी है, वह खाता संख्या 05 प्लॉट संख्या 404 है.
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