महाभारतकालीन शिव-हनुमान की हैं मूर्तियां, पांडवों के पाए गए हैं पदचिन्ह
खुदाई में मिले हैं हजारों वर्ष प्राचीन सिक्के, बगल में है अथाह जलाशय गोंदा डैम
Hazariabagh : ऐतिहासिक स्थल बानादाग पहाड़ी को पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग की गई है. इस संबंध में डीसी को ज्ञापन सौंपते हुए श्रीसर्वेश्वरी कल्याण आश्रम के संयोजक साधक सुबोध भाई ने कहा है कि यहां महाभारतकालीन शिव-हनुमान की मूर्तियां हैं. यहां मुंडा जनजाति की पत्थलगड़ी के अवशेष और खुदाई में हजारों वर्ष प्राचीन सिक्के पाए गए हैं. यहां पांच पांडवों के पदचिह्न भी हैं. यहां पहाड़ी की तलहटी में प्राचीन बरगद के पेड़ हैं, जहां पकाही बाबा आस्था के रूप में स्थापित हैं. पहाड़ी मंदिर बानादाग ट्रस्ट के संयोजक सुबोध भाई ने कहा है कि यहां बगल में विशाल गोंदा डैम का जलाशय है, जो प्रकृति के मनोरम दृश्य को अलौकित करता है.
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पर्यटन स्थल घोषित करने से रोजगार के द्वार खुलेंगे
पहाड़ी के शिखर से हजारीबाग की अद्भुत छटा दर्शनीय है. रेलवे स्टेशन महज चार किमी की दूरी पर है. बच्चों का स्कूल भी है. यह स्थल प्रकृति की गोद में बसा है. इसे पर्यटन स्थल घोषित कर दिए जाने से जहां सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी, वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल पाएगा. डैम में कई प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है. यहां नौका विहार किया जा सकता है. आसपास के इलाके में विशाल भू-भाग खाली पड़ा है. उसका उपयोग भी पर्यटन को विकसित करने में किया जा सकता है.
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