प्राचार्या ने एसडीओ से मांगा मजिस्ट्रेट और पुलिस बल, आउटसोर्सिंग कर्मियों ने हटाए जाने के नोटिस पर हस्ताक्षर करने से किया इनकार
शिक्षा सचिव ने मामले के पटाक्षेप का दिया आदेश, 16 दिसंबर को आएंगे हजारीबाग, जांच का इंतजार
Amarnath Pathak
Hazaribag : इंदिरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय हजारीबाग में आउटसोर्सिंग से बहाल कर्मियों को अब डंडे के बल पर हटाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए प्राचार्या ने सदर एसडीओ को पत्र लिखकर स्कूल कैंपस में मजिस्ट्रेट और पुलिस बल देने की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि आउटसोर्सिंग कर्मी नोटिस दिए जाने के बाद भी हट नहीं रही हैं. आदेश पत्र में उत्तरी छोटानागपुर के कमिश्नर का हवाला दिया गया है कि उनके आदेश से ही आउटसोर्सिंग कर्मियों को अनुबंध पर बहाल पहले के कर्मियों को प्रभार सौंपने को कहा जा रहा है. लेकिन कोई भी आउटसोर्सिंग कर्मी प्रभार नहीं सौंप रहे हैं. इनमें चार आश्रमों में तैनात मेट्रन, नर्स सिक रूम सेविका, पाकशाला भंडारी लिपिक आदि शामिल हैं.
यहां बता दें कि एक दिन पहले lagatar.in ने इससे संबंधित खबर “न दिया जा रहा वेतन, न बनाने दी जा रही हाजिरी” प्रकाशित की थी, जिसके बाद उसका ही असर है कि आदेश पत्र जारी हुआ है. और अब आउटसोर्सिंग से बहाल कर्मियों को डंडे के बल पर हटाने की तैयारी चल रही है.
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16 दिसंबर को हजारीबाग आएंगे शिक्षा सचिव
इधर डीइओ ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार इसी मामले की जांच को लेकर शिक्षा सचिव 16 दिसंबर को हजारीबाग आनेवाले हैं. उनके आगमन से पहले इंदिरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में बहाल आउटसोर्सिंग कर्मियों को हटाने के प्रकरण का पटाक्षेप करने की बात कही गई है. इधर इंदिरा गांधी स्कूल में अगस्त में बहाल हुए 43 आउटसोर्सिंग कर्मियों का कहना है कि अब शिक्षा सचिव के जांच का इंतजार है. साथ ही उन्हें उम्मीद है कि शिक्षा सचिव से हर हाल में उनलोगों को न्याय मिलेगा.
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क्या है पूरा मामला
मालूम हो कि झारखंड में छात्राओं के सबसे प्रतिष्ठित और बड़े इंदिरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में पिछले 19 नवंबर से हंगामा बरपा हुआ है. इन सबके पीछे फसाद की जड़ विद्यालय प्रशासन और आउटसोर्सिंग कंपनी जेएमडी के बीच की तनातनी को माना जा रहा है. दरअसल आउटसोर्सिंग से बहाल 43 शिक्षक और कर्मियों का रजिस्टर प्रभारी प्राचार्या ने सील कर लिया है. अब न उन्हें हाजिरी बनाने दी जा रही है और न ही उन्हें वेतन मिल रहा है. चार माह पहले अगस्त में रांची की आउटसोर्सिंग कंपनी जेएमडी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से बहाल हुए कर्मियों को कंपनी की ओर से अगस्त और सितंबर माह का वेतन तो दिया गया, लेकिन उसके बाद अक्तूबर माह के वेतन उन्हें नहीं मिले. अब नवंबर के सप्ताहांत में उनकी हाजिरी बनाने पर रोक लगा दी गई. इसका विरोध करने पर स्कूल कैंपस में पहले भी मजिस्ट्रेट बहाल कर पुलिस बुला ली गई और उन्हें गेट के बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.
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