Hazaribagh : हजारीबाग के किसान प्रयोग धर्मी हैं और इसी प्रयोग धर्मिता के कारण जिला टमाटर और तरबूज की खेती में अपनी अलग पहचान बना रहा है. इसी क्रम में अब परवल भी शामिल हो रहा है. पहले हजारीबाग और इसके आसपास के इलाकों में परवल की खेती नहीं होती थी. यह परवल बिहार और पश्चिम बंगाल से लाकर बेची जाती थी. लेकिन अब हजारीबाग के बड़कागांव में एक किसान ने इसकी खेती के लिए पहल की है और इसमें जबरदस्त सफलता पाई है.
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प्रवीण प्रत्येक सप्ताह 70 किलो परवल बेच रहे
बड़कागांव के किसान प्रवीण ने प्रयोग के तौर पर परवल की खेती शुरू किया, जो काफी सफल रही. अब हजारीबाग का परवल दूसरे जिलों में भी सप्लाई किया जा रहा है. किसान प्रवीण बताते हैं कि डरते-डरते परवल की खेती शुरू किया, लेकिन अब सप्ताह में हजारों रुपये कमा रहे है. उन्होंने कहा कि 4-5 कट्ठा में परवल की खेती की है, जिसमें अच्छी उपज हो रही है. प्रत्येक सप्ताह लगभग 70 किलो परवल बेच रहे हैं. थोक के भाव में 35 रुपये प्रति किलो और खुदरा में 50 रुपये प्रति किलो बेच रहे है. इससे लगभग 3500 रुपये का फायदा हो रहा है.
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अन्य किसानों को कर रहे प्रेरित
उन्होंने कहा कि बड़कागांव की जमीन परवल की खेती के लिए उपयुक्त है. जिला के अन्य किसानों को भी परवल की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं, ताकि परवल की पैदावर बढ़े और किसान कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमा सके.
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