रामनवमी में डीजे पर प्रतिबंध और निषेधाज्ञा के खिलाफ एसडीओ कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठे हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता

Hazaribagh : हजारीबाग की रामनवमी में डीजे पर प्रतिबंध और निषेधाज्ञा के खिलाफ सोमवार को शहरवासी उबल पड़े. लोगों ने जिला प्रशासन के खिलाफ गहरी नाराजगी जताई और जय श्रीराम के नारे लगाकर शहर में लंबा जुलूस निकाला. इसमें विभिन्न हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं की खासी संख्या थी. रामनवमी में डीजे और परंपरागत हथियार के साथ जुलूस निकालने की मांग को लेकर पिछले पांच दिनों से तीन सनातनी आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. प्रशासन और सनातनी के बीच किसी भी तरह का समझौता नहीं हुआ है. इसे लेकर हिंदू समाज के लोग आक्रोशित हैं. इसे लेकर सैकड़ों की संख्या में आक्रोशित लोगों ने जुलूस निकाला. जुलूस समाहरणालय एसडीओ कार्यालय के सामने धरने में परिवर्तित हो गई. इस दौरान लोगों ने जमकर जय श्रीराम के नारे लगाए और सरकार प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
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दरअसल डीसी और एसपी ने सम्मिलित रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें जानकारी दी गई कि चलंत डीजे बजाने की अनुमति प्रशासन नहीं देगी. वहीं प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि जुलूस में परंपरागत हथियार लाठी-डंडे और हथियार के साथ हिस्सा लेने में किसी भी तरह की पाबंदी नहीं है. प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि डीजे की जगह म्यूजिक बॉक्स, चोंगा, लाउडस्पीकर, फ्री रिकॉर्डेड गाने बजाने की अनुमति दी जा रही है. इस बात को लेकर आमरण अनशन पर बैठे युवकों का कहना है कि प्रशासन स्पष्ट करे कि डीजे और म्यूजिक बॉक्स में क्या अंतर है. साथ ही उनकी यह भी मांग है कि पिछले मंगलवार को जो प्राथमिकी दर्ज की गई, उनमें शामिल लोगों का नाम हटाया जाए.

प्रशासन से वार्ता के लिए अभी वक्त : प्रशांत प्रधान
ऐसे में उग्र होकर स्थानीय युवक जुलूस की शक्ल में समाहरणालय पहुंचे, जहां उन्होंने एसडीओ विद्याभूषण से मुलाकात की. मुलाकात करने वालों में प्रशांत प्रधान, दीपक नाथ सहाय, पवन गुप्ता, विशाल बाल्मीकि और अभि अभिषेक शामिल थे. रामनवमी संरक्षण समिति के अध्यक्ष प्रशांत प्रधान ने बताया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही गई बातों को लेकर कुछ दुविधा थी. एसडीओ ने स्पष्ट किया कि माइक और लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत है, संख्या कुछ भी हो सकती है. लेकिन डीजे बॉक्स लगाने पर प्रतिबंध है. उन्होंने रामभक्तों से अपील की कि रामनवमी उत्साह, उल्लास और उमंग से मनाएं. अब भी प्रशासन से वार्ता के लिए वक्त है.
प्रशासन की ओर से अनशनकारियों को नहीं दी गई है कोई जानकारी : अमन
पांच दिनों से आमरण अनशन पर बैठे अमन कुमार ने बताया कि उनलोगों को किसी भी तरह की जानकारी प्रशासन की ओर से नहीं दी गई है. प्रेस मीडिया के जरिए कई बातें सामने आ रही है. प्रशासन स्पष्ट करे कि म्यूजिक सिस्टम और डीजे में क्या अंतर है. जो प्राथमिकी दर्ज की गई है, वह हटाया जाएगा कि नहीं. अगर प्रशासन उनकी बातों को नहीं मानती है, तो उनका अनशन जारी रहेगा और वे लोग जीवन त्यागने के लिए भी तैयार हैं.

साउंड और सिस्टम पर प्रशासन अपनी बात स्पष्ट करे : करण
अनशनकारी करण उर्फ बप्पी का भी यही कहना है कि अगर आंदोलन हुआ है, तो समस्या का समाधान भी होना चाहिए. उनलोगों की मांगें जायज है. प्रशासन ने म्यूजिक सिस्टम सजाने की इजाजत दे दी है, लेकिन वह कौन सा सिस्टम होगा. ऐसा नहीं कि वे लोग सिस्टम लगा लें और उनलोगों पर कार्रवाई हो जाए. प्रशासन बात स्पष्ट करे, नहीं तो वे लोग इसी तरह अनशन पर डटे रहेंगे.
