Hazaribagh: बरही में एनएच-31 चौड़ीकरण मामले में भूमि अधिग्रहण के लिए विभागीय बुलडोजर चलते ही पीड़ित रैयत तल्ख हो चुके हैं. इससे हर दिन पदाधिकारियों को नई समस्याओं और मांगों से जूझना पड़ रहा है. पीड़ित रैयतों का आरोप है कि जमीन अधिग्रहण मामले में कई विसंगतियां हैं. आरोप के अनुसार कहीं जमीन मापी से अधिक, तो कहीं बिना किसी सूचना के ही अधिग्रहण किया जा रहा है. कुछ रैयतों को मुआवजा भी नहीं मिला है. कुछ के आधे-अधूरे मुआवजे का भुगतान हुआ है. रैयतों के अनुसार मुआवजा के भुगतान में सूद 2018 तक ही दिए जा रहे हैं, जबकि सूचना 2021-22 में दी गई है.
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रैयतों का आरोप है कि सूद भुगतान में अनियमितता बरती जा रही है. सूद सिर्फ बेसिक मुआवजा राशि पर दी जा रही है, जबकि मकान मूल्य पर भी मिलना चाहिए. रैयत अपनी समस्या को सुलझाने के लिए डीसी के साथ बैठक करने के लिए एसडीओ से आग्रह कर चुके हैं. इसके साथ ही पीड़ित रैयत स्थानीय विधायक से लेकर सांसद तक गुहार लगा चुके है. बावजूद अधिग्रहण का कार्य जारी है. इससे पीड़ितों में विभागीय पदाधिकारियों के रवैए के प्रति आक्रोश है. अपने हक की लड़ाई के लिए हर संभव जंग जारी रखने के लिए तैयार हैं. प्रभावित रैयतों में मोटी साव, सुरेश साव, प्रेमचंद साव, गणेश साहू, भुनेश्वर साहू, राहुल कुमार, परमेश्वर केसरी, मनोज केसरी और उमेश गुप्ता शामिल हैं. अधिग्रहण के लिए प्रतिनियुक्त आर्बिट्रेटर ने बताया कि वरीय पदाधिकारी के निर्देश के बाद भी अधिग्रहण कार्य रोका जा सकता है.
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