Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए रांची SSP को प्रार्थी को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया है. दरअसल, एक विशेष समुदाय की युवती ने झारखंड हाईकोर्ट में अपने परिजनों के खिलाफ ही क्रिमिनल रिट दाखिल की है. अपनी याचिका में उसने कहा है कि उसके घर वाले उसकी मर्जी के बिना उसकी शादी किसी से करवाना चाहते हैं. जबकि वह किसी दूसरे युवक के साथ शादी करना चाहती है. लड़की जिससे शादी करना चाहती है वह युवक दूसरे धर्म का है.
प्रार्थी की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता नवीन कुमार ने अदालत में पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि युवती के घर वाले उसकी उम्र के दोगुने व्यक्ति के साथ जबरन शादी करने की योजना बना रहे हैं. जबकि याचिकाकर्ता की दोस्ती एक ऐसे लड़के से है, जो दूसरे धर्म का है. याचिकाकर्ता बालिग है और वह अपनी बड़ी बहन और देवर के साथ रह रही है, और वे उसकी शादी लगभग 52 साल की उम्र के व्यक्ति के साथ करने की कोशिश कर की जा रही है. जिसके बाद अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आजकल पढ़े-लिखे छोटे लड़के-लड़कियां अपना जीवनसाथी चुन रहे हैं. वहीँ अदालत ने प्रार्थी को रांची SSP के पास अपनी समस्या बताने का निर्देश दिया है और कहा है कि SSP याचिकाकर्ता की सुनवाई करेंगे और उचित आदेश पारित करेंगे, ताकि उसकी गरिमा और जीवन की रक्षा की जा सके. कोर्ट ने SSP को यह निर्देश दिया है कि वह संबंधित पुलिस स्टेशन को युवती का बयान दर्ज करने और कानून के अनुसार, आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दें. इस मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में हुई.
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