Lohardaga: झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था का खस्ता हाल है. पूर्ववर्ती सरकार ने तो ध्यान ही नहीं दिया और अब वर्तमान सरकार भी इस पर ध्यान नहीं दे रही है. दरअसल लोहरदगा जिले के कैरो प्रखंड में 2007-08 की योजना के तहत 2013 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया गया था. लेकिन अब तक केंद्र अपने उद्घाटन की बाट जोह रहा है. स्थानीय लोग इसकी शुरुआत को लेकर कई बार गुहार भी लगा चुके हैं, लेकिन स्थिति जस का तस बनी हुई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस प्रखंड में बेहतर इलाज के लिए एक भी चिकित्सालय नहीं है. इस चिकित्सालय के शुरू हो जाने से प्रखंड के लगभग 35 हजार की आबादी को बेहतर उपचार मिल पाता.
कोरोना काल में प्रखंड के लिए वरदान साबित होता स्वास्थ्य उपकेंद्र
स्थानीय लोगों ने कहा कि यदि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की शुरुआत हो जाती तो इस कोरोना महामारी में यह स्वास्थ्य उपकेंद्र प्रखंड के लोगों के लिए एक वरदान साबित होता. इस प्रखंड के लगभग 35 हजार आबादी को उपचार के लिए 30 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़ता.
मौलाना आजाद वेलफेयर सोसाइटी कैरो ने सीएम को लिखा पत्र
वहीं स्वास्थ्य उपकेंद्र के शुरू नहीं होने के मामले को लेकर मौलाना आजाद वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों ने पत्र के माध्यम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भी ध्यान आकृष्ट करवाया है.
सिविल सर्जन ने झाड़ा पल्ला
वहीं इस मामले पर लोहरदगा के सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा स्वास्थ्य उपकेंद्र के शुरुआत करने की जिम्मेदारी मेरे हाथ में नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे पास कुछ फंड आया था. विभाग के आदेश अनुसार फंड बिल्डिंग डिविजन को सौंप दिया गया है.