Patna: बिहार में कोविड संक्रमण के मामलों में कमी होने लगाी है. अब सरकार वैसे जिले और वहां के निवासियों को सुरक्षित रखने की योजना पर काम कर रही है, जो प्रत्येक वर्ष बाढ़ की चपेट में आते हैं. बिहार में मानसून के आगमन के साथ ही बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है. स्वास्थ्य विभाग ने एक ओर जिलों के सिविल सर्जनों को पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाओं के भंडार रखने के निर्देश दिए हैं. वहीं पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी बाढ़ पीड़ितों के बीच फूट पैकेट्स के साथ आवश्यक दवाओं के पैकेट भी बांटने का आदेश जारी कर दिया गया है.
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जरुरी दवाओं के बफर स्टाक रखने का निर्देश
स्वास्थ्य विभाग ने करीब दो दर्जन जिलों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए दवाओं की अग्रिम व्यवस्था के निर्देश जारी कर दिए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के बाद राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने बाढग़्रस्त जिलों के सिविल सर्जनों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. जिलों को जिन दवाओं के बफर स्टाक रखने के निर्देश दिए गए हैं, उनमें स्नैक वेनम एंटीसीरम, एंटी रैबीज वैक्सीन, ओआरएस पैकेट्स, जिंक टैबलेट, हालाजोन टैबलेट, ब्लीचिंग पाउडर और लाइम शामिल हैं.
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बाढ़ राहत सामग्री के साथ 5 तरह की दवाएं
कार्यपालक निदेशक ने अपने आदेश में कहा है कि बाढग़्रस्त क्षेत्रों में जो फूट पैकेट गिराए जाएं उनके साथ लोगों को आवश्यक दवाओं के पैकेट भी वितरित करें, ताकि इमरजेंसी में किसी को दवाओं की दिक्कत न हो. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार फूट पैकेट के साथ ओआरएस के पांच पैकेट, पांच हालाजोन पैकेट, डोमपेरिडोन टैबलेट का एक स्ट्रिप माइकोनाजोल नाइट्रेट क्रीम की एक टयूब और पारासिटामोल का एक स्ट्रिप भी बाढ़ पीडि़तों के बीच वितरित की जाएगी.
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