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रिम्स पर हाईकोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने रिम्स से 4 सप्ताह में बिंदुवार रिपोर्ट मांगी

Ranchi: एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट ने रिम्स से 5  सप्ताह के अंदर विस्तृत जवाब मांगा है. अदालत ने रिम्स को डिटेल एफिडेविट दायर करते हुए वहां डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ समेत अन्य खाली पदों  की  जानकारी मांगी है. इसे भी पढ़ें -अब">https://lagatar.in/now-it-is-not-necessary-to-keep-minimum-balance-in-fastag-wallet-nhai-decided/26111/">अब

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कब-कब विज्ञापन निकाला गया

इसके साथ ही अदालत ने  यह भी जानना चाहा है कि  रिम्स में  किन किन पदों पर नियुक्ति के लिए कब-कब विज्ञापन निकाला गया.  वही  कोर्ट ने  इस संबंध में भी जानकारी मांगी है कि  बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए  कौन-कौन से स्वास्थ उपकरण  खरीदे गए हैं. इसे भी पढ़ें -नाबालिग">https://lagatar.in/gang-rape-with-a-minor-the-doctor-accusation-on-doctor-wrong-report-made-victim-is-7-months-pregnant/26106/">नाबालिग

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4 सप्ताह के अंदर  शपथ पत्र के माध्यम से  जवाब दाखिल करने का निर्देश

फिल्म स्कोर  इन सभी बिंदुओं पर  4 सप्ताह के अंदर  शपथ पत्र के माध्यम से  जवाब दाखिल करने का निर्देश  झारखंड हाई कोर्ट ने दिया है. इस मामले में राज्य सरकार की ओर से  अपर महाधिवक्ता  सचिन कुमार  ने अदालत के समक्ष  पक्ष रखा.  जबकि रिम्स की ओर से  अधिवक्ता आकाशदीप ने कोर्ट में पक्ष रखा. हाईकोर्ट ने इस मामले में बिंदुवार डिटेल रिपोर्ट मांगी है राज्य सरकार के द्वारा इस मामले में अदालत में काउंटर एफिडेविट दे दी गई है. इसे भी पढ़ें -पलामू">https://lagatar.in/two-villages-will-be-shifted-from-palamu-tiger-reserve-area-administration-started-action/26100/">पलामू

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कोरोना काल में कौन-कौन से उपकरण खरीदे गए हैं

पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने रिम्स से पूछा था की कोरोना काल में रिम्स में कौन-कौन से उपकरण खरीदे गए हैं. और अब तक सीटी स्कैन एवं पैथोलॉजी की मशीन क्यों नहीं खरीदी गई है. अदालत ने यह भी पूछा है कि जब रिम्स सरकारी संस्थान है. तो पैथोलॉजी की जांच निजी संस्थानों से क्यों करवायी जाती है?. इन सभी बिंदुओं पर झारखंड हाईकोर्ट ने रिम्स प्रबंधन से जवाब तलब किया था. इसे भी पढ़ें -रक्षा">https://lagatar.in/declaration-of-defense-minister-agreement-on-pangong-lake-status-from-april-as-before/26102/">रक्षा

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कोर्ट ने लिया था स्वत संज्ञान

बता दे कि कोरोना काल के दौरान रिम्स से लगातार अनियमितता बरती जाने की खबरें सामने आ रही थी. जिस पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था और उस स्वत संज्ञान को जनहित याचिका में तब्दील कर हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है. इसे भी पढ़ें -बोकारो">https://lagatar.in/bokaro-ongc-organized-awareness-walk-for-conservation-of-green-and-clean-energy/26098/">बोकारो

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