Pravin kumar
Ranchi: भारी उद्योग मंत्रालय ने एचईसी के डायरेक्टर पर्सनल एसके सक्सेना का एक इंक्रीमेंट रोक दिया है. एसके सक्सेना को एचईसी की रेसिडेंशियल बिल्डिंग प्राइवेट पार्टी को लिव एंड लाइसेंस पर नियमों की अनदेखी कर आवंटित करने का दोषी पाया गया है. भारी उद्योग मंत्रालय के अंडर सेक्रेट्री इंद्रजीत सिंह ने इसकी जानकारी चीफ विजिलेंस कमिशन के डायरेक्टर को दी है.
क्या है मामला
एचईसी डायरेक्टर पर्सनल एसके सक्सेना ने बिना टेंडर के ही एक न्यूज चैनल को ई-टाइप आवास आवंटन कर दिया. उन्होंने न्यूज चैनल को ई-0189/11 और ई-0190/11 दे दिया, जबकि किसी भी नीजि एजेंसी को आवास लेने के लिये टेंडर की प्रक्रिया से गुजरना होता है. वहीं सरकारी एजेंसी के लिये ही बिना टेंडर के आवास उपलब्ध कराने का प्रावधन है. न्यूज चैनल को आवास आवंटन के मामले में एचईसी के डायरेक्टर पर्सनल एसके सक्सेना को दोषी पाये गये.
कैसे हुआ मामला का खुलासा
एचईसी के तत्कालीन विजलेश ऑफिसर के समक्ष मामला आने के बाद इसकी जांच की गई. जांच में एचईसी के डायरेक्टर पर्सनल एसके सक्सेना को दोषी पाया गया. भारी उद्योग मंत्रालय ने एसके सक्सेना पर कार्रवाई करते हुये उनका इंक्रीमेंट रोक दिया.
अपने पत्र क्या लिखा है भारी उद्योग मंत्रलाय के अडर सेक्रेटरी
अपने पत्र में इन्द्रजीत सिंह ने बताया है कि सेक्टर तीन स्थित एनेक्स बिल्डिंग को बिना निविदा आमंत्रण के एक न्यूज चैनल, जो एक प्राइवेट पार्टी है, उसे डायरेक्टर पर्सनल ने एक मई 2018 को लिव एंड लाइसेंस के तहत देने का ऑफर लेटर सौंप दिया. 16 मई 2018 को न्यूज चैनल के साथ एग्रीमेंट कर लिया गया. जो पूरी तरह से डिसिप्लीन एंड इंप्लाई रूल्स (1981) की अनदेखी है. यह अनदेखी झारखंड विधानसभा मुख्य गेट, सेक्टर टू के सामने आवंटित इ टाइप भवन नंबर-189 और 190 को पांच साल तक एक्सटेंशन देने में भी की गई है. इस संबंध में एसके सक्सेना ने अपना पक्ष रखा था. जिसे भारी उद्योग मंत्रालय ने असंतोषजनक बताते हुए कार्रवाई का निर्णय लिया है.
जानकारों की मानें तो एसके सक्सेना अब सीएमडी पद के लिए आवेदन नही कर पाएंगे. भारी उद्योग मंत्रालय के कार्रवाई के बाद एचईसी के डायरेक्टर पर्सनल एसके सक्सेना की मुश्किल बढ़ने वाली है. जानकारों के अनुसार अब वे एचईसी के उच्च पद के लिये आवेदन करने भी नहीं कर पाएंगे.
तत्कालीन सीवीओ ने लिखा था पत्र, मगर नहीं हुई कार्रवाई
एचईसी के रेसिडेंशियल बिल्डिंग प्राइवेट पार्टी को बिना निविदा किए, नियमों की अनदेखी कर आवंटित करने को लेकर तत्कालीन चीफ विजिलेंस ऑफिसर (सीवीओ) ने पत्र (005/crd/19, 5-07-2007) लिखा था. सीवीओ के पत्र पर संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई और मामले को दबाने का भी प्रयास किया गया. सीवीओ के पत्र लिखे जाने के बाद भी एचईसी प्रबंधन ने आला अफसर गंभीर नहीं हुए. एचईसी के कई भवन प्राइवेट पार्टी को लिव एंड लाइसेंस पर आवंटित कर दिया. उन आवंटन को भी सीवीओ की जांच में अनियमितता पाई गई है. इस पूरे मामले को भारी उद्योग मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है और अधिकारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है.