1,000 करोड़ से भी ज्यादा की पेयजल योजनाओं को बंद कर दिया गया
उन्होंने कहा कि राज्य की 1,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की पेयजल योजनाओं को बंद कर दिया गया. 832 करोड़ रुपये की ईचा डैम योजना वर्क ऑर्डर होने के बाद बंद कर दी गयी. राज्य की महत्वपूर्ण कनहर-सोन नदी से पलामू और गढ़वा के लिए पाइप लाइन द्वारा क्षेत्र को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु लगभग 1500 करोड़ रुपए की योजना वर्क ऑर्डर होने के बाद भी बंद कर दी गई. उसके साथ ही राज्य की एक और महत्वाकांक्षी `स्वर्णरेखा परियोजना` को पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार कर कार्य प्रारंभ कराने की योजना को भी ठंडे बस्ते में डालकर बंद कर दिया गया.अक्टूबर 2020 तक बजट का एक पैसा भी खर्च नहीं किया गया
अक्टूबर 2020 तक पूरे वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट का एक पैसा भी खर्च नहीं किया गया, जिसके कारण राज्य के किसानों की माली हालत पूरी तरह से चरमरा गई है. हेमंत सरकार किसानों के प्रति निष्क्रिय है. पूर्व की भाजपा सरकार ने बड़े-बड़े तालाबों का निर्माण व जीर्णोद्धार करवाया था. महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से 1000 से भी अधिक लिफ्ट इरिगेशन का कार्य प्रारम्भ कराया गया.बटाने डैम में विस्थापितों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला
लघु सिंचाई में 500 से भी अधिक चेक डैम को सिंचाई हेतु प्रशासनिक स्वीकृति देने का कार्य किया गया. लगभग 25 हज़ार हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षेत्र को सृजित करने का कार्य भी पूर्व की सरकार ने तैयार किया था, जिसमें से अधिकतर पूर्ण हुए. सुख नदिया जलाशय योजना पिछली सरकार में स्वीकृत हुई थी, लेकिन इस सरकार में लूट-खसोट का जरिया बन जाने से यह योजना अधर में है. छत्तरपुर के बटाने डैम में विस्थापितों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला. मलय जलाशय योजना पलामू के लिए महत्वपूर्ण योजना है. इस पर भी राज्य सरकार कोई निर्णय नहीं ले पाई.

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