Ranchi : राज्य की वैसी गरीब मेधावी छात्राओं, जो तकनीक शिक्षा की पढ़ाई करना चाहती है, उसे हेमंत सरकार 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी. यह आर्थिक मदद राज्य के बाहर अथवा राज्य के तकनीकी शिक्षण संस्थानों में एडमिशन लेने के बाद दी जाएगी. आर्थिक सहायता प्रदान करने संबंधी योजना के प्रारूप को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपनी स्वीकृति दे दी है. यह प्रस्ताव उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा तैयार की गई है. मुख्यमंत्री का मानना है कि राज्य की गरीब मेधावी छात्राओं को तकनीकी शिक्षा अर्जित करने में उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बाधक न रहे, इसके लिए अतिरिक्त आर्थिक सहायता देने का फैसला सरकार ने लिया है. इससे राज्य की बालिकाओं को तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने की दिशा में काफी प्रोत्साहन मिलेगा.
इसे भी पढ़ें – Corona update : 8 जिलों में नहीं मिले के एक भी संक्रमित, 24 घंटे में 46 नये मामले
चयनित छात्रा को निर्धारित कोर्स अवधि तक यह सहायता मिलेगी
योजना के तहत प्रस्ताव है कि राज्य के बाहर अथवा राज्य में अवस्थित MHRD द्वारा घोषित Overall NIRF Ranking वाले प्रथम 100 संस्थानों, विश्वविद्यालय के AICTE से मान्यता प्राप्त स्नातक- स्नाकोत्तर स्तर पाठ्यक्रमों (विश्वविद्यालय के मामले में विश्वविद्यालय द्वारा Managed मुख्य कैंपस में ही संचालित उक्त कोर्स) में छात्राओं का नामांकन होने पर प्रत्येक वर्ष संबंधित कोर्स के उस बैच के लिए निर्धारित कुल वार्षिक फीस अथवा 1 लाख रुपये (दोनों में से जो कम हो) आर्थिक सहायता के रूप में दिया जाये. यह सहायता अधिकतम 200 छात्राओं को प्रतिवर्ष दिए जाने पर लगभग रुपए 2 करोड़ प्रतिवर्ष व्यय होने की संभावना है. एक बार चयनित छात्रा को उसके निर्धारित कोर्स अवधि तक के लिए लगातार यह आर्थिक सहायता मिल सकेगी, यदि वह किसी सेमेस्टर/वर्ष में अनुत्तीर्ण नहीं होती हैं.
यह सहायता अधिकतम 100 छात्राओं को प्रतिवर्ष दिया जायेगा
राज्य के बाहर अथवा राज्य में अवस्थित केंद्र सरकार के नियंत्रणाधीन प्रतिष्ठित संस्थानों/ विश्वविद्यालय द्वारा Managed मुख्य कैंपस में संचालित अथवा अन्य राज्यों के प्रतिष्ठित सरकारी संस्थानों में संचालित, AICTE से मान्यता प्राप्त स्नातक-स्नाकोत्तर स्तर पाठ्यक्रमों में छात्राओं का नामांकन होने पर प्रत्येक वर्ष संबंधित कोर्स के उस बैच के लिए निर्धारित कुल वार्षिक फीस अथवा रुपए 50,000 (दोनों में से जो कम हो) आर्थिक सहायता के रूप में दिया जाय. यह सहायता अधिकतम 100 छात्राओं को प्रतिवर्ष दिए जाने पर लगभग रुपए 50 लाख प्रतिवर्ष व्यय होने की संभावना है. एक बार चयनित छात्रा को उसके निर्धारित कोर्स अवधि तक के लिए लगातार यह आर्थिक सहायता मिल सकेगी, यदि वह किसी सेमेस्टर वर्ष में अनुत्तीर्ण नहीं होती हैं.
प्रस्ताव के अंतर्गत आर्थिक सहायता के लिए योग्य छात्रा के चयन में बराबरी की स्थिति में प्राथमिकता का आधार क्रमशः छात्रा की बेहतर जेईई मेन रैंकिंग, छात्रा के क्वालीफाइंग एग्जाम का प्राप्तांक एवं जिस छात्रा की आयु अधिक हो.
इसे भी पढ़ें –आसमान में बादल छाए रहेंगे, होगी बारिश, जानें मौसम का हाल
निर्धारित कोर्स अवधि तक के लिए लगातार यह आर्थिक सहायता मिल सकेगी
तकनीकी शिक्षण संस्थानों में नामांकन होने की स्थिति में राज्य की बालिकाओं को डिप्लोमा कोर्स हेतु रुपए 10,000 रुपये प्रति वर्ष एवं डिग्री अभियंत्रण कोर्स हेतु रुपए 20,000 रुपये प्रति वर्ष आर्थिक सहायता के रूप में दिया जाय. यह सहायता प्रत्येक वर्ष डिप्लोमा के लिए अधिकतम 1500 छात्राओं एवं डिग्री अभियंत्रण कोर्स हेतु अधिकतम 500 छात्राओं को दिए जाने पर कुल लगभग रुपए 2.50 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष व्यय होने की संभावना है. एक बार चयनित छात्रा को उसके निर्धारित कोर्स अवधि तक के लिए लगातार यह आर्थिक सहायता मिल सकेगी, यदि वह किसी सेमेस्टर/वर्ष में अनुत्तीर्ण नहीं होती हैं.
इसे भी पढ़ें –रांची-हावड़ा शताब्दी ट्रेन गंगा घाट के पास विंच मशीन से टकराई, बाल-बाल बचे सैकड़ों यात्री