Ranchi : झारखंड में शहरी निकाय का चुनाव अब तक नहीं कराये जाने पर हाईकोर्ट ने नराजगी जतायी है. अदालत ने मौखिक टिप्पणी कर कहा कि पिछले चार साल तक चुनाव नहीं कराया जाना भी लोकतंत्र की हत्या है. कोर्ट ने कहा कि प्रशासक के माध्यम से नगर निकाय चलाया जा रहा है. यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए उचित नहीं है. चुनाव नहीं कराना संवैधानिक तंत्र की विफलता है. अदालत ने पूर्व पार्षद रोशनी खलखो की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. अब इस मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी. बताते चलें कि राज्य के 13 नगर निकायों में तीन वर्षों से अधिक समय से और शेष सभी निकायों में पिछले साल अप्रैल से नगर निकाय चुनाव नहीं हुआ है. इसको लेकर अदालत ने चार जनवरी 2024 को सरकार को तीन सप्ताह में निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया था. लेकिन अब तक चुनाव नहीं हुआ है.
पिछड़ा वर्ग आयोग ने कार्मिक को भेजा प्रस्ताव
इधर झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने ट्रिपल टेस्ट के लिए जनगणना कराने संबंधित प्रस्ताव राज्य सरकार के कार्मिक विभाग को भेजा है. आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र महतो ने कहा कि राज्य सरकार ने न्यायालय के निर्देशानुसार, ओबीसी की वास्तविक गिनती कर ट्रिपल टेस्ट कराने को कहा है. निजी एजेंसी द्वारा जनगणना कराने पर उसकी स्वच्छता और पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो सकता है. ऐसे में उपायुक्तों के माध्यम से ही जनगणना कराने का निर्णय लिया गया है.
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