Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट में कोर्ट सुरक्षा से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जाहिर का. कोर्ट ने कहा कि क्या विभाग के अधिकारी खुद को कोर्ट से ऊपर समझते हैं. वहीं अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि जिला जज रैंक के अधिकारी जूनियर इंजीनियर को अगर फोन करते हैं, तो वे रिस्पॉन्स नहीं देते. हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार की शिकायत के बाद भी विभाग अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करता, इसके पीछे क्या कारण है. सुनवाई के दौरान भवन निर्माण विभाग के सचिव भी अदालत में सशरीर उपस्थित रहे. अदालत ने उन्हें जमकर फटकार लगायी और पूछा कि सरायकेला खरसावां, जमशेदपुर, घाटशिला और गिरिडीह के जूनियर इंजीनियर के खिलाफ शिकायत अदालत में पहुंची थी, लेकिन अब तक किसी पर कार्रवाई नहीं हुई.
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राज्य सरकार के जवाब पर कोर्ट ने जताई नाराजगी
वहीं राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा कि कई जूनियर इंजीनियर 6 साल से जमे हुए हैं.जिसपर अदालत काफी नाराज दिखा. अब कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को करेगा. झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की. झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता हेमंत शिकरवार ने राज्य की अदालतों की सुरक्षा और अन्य सुविधाओं को लेकर एक जनहित याचिका दायर की है. जिसपर कोर्ट सुनवाई कर रहा है.
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