Ranchi: कोरोना संक्रमण के बढ़े मामलों के दौरान रिम्स में 1260 लोगों की मैन पावर के रूप में मांग की गई थी.एनएचएम के सौजन्य से मुंबई की कंपनी टी एंड एम सर्विसेज कंसलटिंग लिमिटेड को मैन पावर की बहाल करने का जिम्मा दिया गया था. इसके लिए रिम्स प्रबंधन और कंपनी के बीच करार हुआ था.जिसमें स्टाफ नर्स (ग्रेड A) 400, मल्टी परपस वर्कर/ हॉस्पिटल अटेंडेंट 430, एनेस्थीसिया टेक्नीशियन 50, लैब टेक्नीशियन 50, स्वीपर/सैनेटरी अटेंडेंट/ट्रॉली मैन 50 और 120 सिक्युरिटी गार्ड की मांग की गयी थी.
वर्क आर्डर के मद्देनजर टी एंड एम ने 858 लोगों को बहाल किया. बहाल किए गए कर्मचारी रिम्स के द्वारा लगाए जा रहे ड्यूटी में काम भी करने लगे थे. लेकिन मरीजों की संख्या कम होते ही रिम्स प्रबंधन के द्वारा 11 मई के बाद नियुक्त किए गए लोगों को काम पर नहीं रखने का आदेश निकाल दिया गया. इससे परेशान कर्मचारियों ने सोमवार को मेट्रोन कार्यालय के समक्ष जमकर हंगामा किया.
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वहीं कुछ वक्त के लिए मेडिकल चौक भी जाम कर दिया था. एक बार फिर मंगलवार सुबह से ही रिम्स परिसर में हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. लेकिन नतीजा सिफर रही.
टी एंड एम कंपनी की अपनी दलील
टीएंडएम सर्विसेज कंसलटिंग लिमिटेड के एचआर अभय तिवारी ने कहा कि 4 मई को एनएचएम के आदेश पर हमारी कंपनी ने मैन पावर की बहाली का जिम्मा लिया था. 11 मई तक कंपनी ने 858 लोगों को नियुक्त कर दिया था. रिम्स और कंपनी के बीच हुए करार में जिक्र किया गया था, कि बहाल किए गए कर्मचारियों के पैसे की भुगतान टी एंड एम सर्विसेज कंसलटिंग लिमिटेड कंपनी नहीं करेगी.
अभय तिवारी ने कहा कि, हमारी कंपनी एनएचएम से रिक्रूटमेंट के लिए इंपैनल्ड है. उन्होंने कहा कि यदि रिम्स प्रबंधन हमें पैसे का भुगतान करती है, तभी हम कर्मचारियों के पैसे का भुगतान कर पाएंगे.
रिम्स प्रबंधन ने झाड़ा पल्ला
वहीं इस मामले को लेकर रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ डीके सिन्हा ने कहा कि पैसे के भुगतान की जिम्मेवारी टी एंड एम सर्विसेज कंसलटिंग लिमिटेड का है. किन शर्तों पर कर्मचारियों को रखा गया यह देखना होगा. उन्होंने कहा कि अब आउटसोर्स पर रखे गए कर्मचारी पशोपेश की स्थिति में है.
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हाई वोल्टेज ड्रामा के बीच सिफर रहा नतीजा
इधर सुबह से ही रिम्स परिसर में कर्मचारियों की गहमागहमी थी. काम से हटाए गए 396 कर्मचारी निदेशक कार्यालय के समक्ष कोविड वार्ड के पास जुट गए. वहां टी एंड एम सर्विसेज लिमिटेड के एचआर अभय तिवारी से उनकी वार्ता हुई, लेकिन नतीजा सिफर रहा.
हटाये गए कर्मचारियों में रोष
वहीं काम से हटाए गए कर्मचारी नित्यानंद का कहना है कि हम लोगों को कोरोना काल के दौरान ड्यूटी पर रखा गया. लेकिन 11 मई के बाद काम पर रखे गए लोगों को हटाया जा रहा है. कंपनी का कहना है कि ऐसे लोग काम नहीं कर सकते है. उन्होंने कहा कि हंगामे के बीच भी वेतन को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है.
वहीं अनीता ने कहा कि दूसरी जगह काम छोड़ कर बहुत ही उम्मीद से रिम्स में काम करने आए थे. अब हटाया जा रहा है. पैसा कब मिलेगा कुछ पता नहीं.
इधर हंगामे के आसार को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की थी तैनाती
इधर हंगामे के आसार को देखते हुए रिम्स परिसर में भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई थी. रैप, आईआरबी, रिम्स के सुरक्षकर्मी और स्थानीय थाने के जवान तैनात थे.
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कंपनी के फर्जी प्रतिनिधि को बरियातु थाना ने हिरासत में लिया
इधर सैफ अहमद नाम का एक व्यक्ति अपने आप को टी एंड एम सर्विसेज कंसलटिंग लिमिटेड का प्रतिनिधि बताकर कर्मचारियों से बात कर रहा था. स्थानीय बरियातू थाने को सैफ पर शक हुआ.
जिसके बाद उसे हिरासत में लेकर बरियातू थाने में पूछताछ की जा रही है. वहीं बरियातु थाने के प्रशिक्षु एएसआई मारुत नंदन ने कहा कि सैफ अहमद के पास संबंधित कंपनी का कोई ऑथरिटी नहीं है. वो कर्मचारियों को बरगलाने की कोशिश कर रहा था. जिसके बाद उसे हिरासत में लिया गया है.