के लिए वाहन कोषांग बनाने से ही रुक पायेगा दुरुपयोग
मरांग बुरू की होगी पूजा
हिजला मेला पिछले 130 सालों से हिजला गांव में मनाया जाता है. तब से यह मेला फरवरी माह के तीसरे शुक्रवार को लगाया जाता है. एक सप्ताह चलनेवाला हिजला मेला भले ही इस साल आयोजित नहीं होगा, लेकिन वहां आदिवासी समुदाय द्वारा मरांग बुरू की पूजा की जायेगी. इसे भी पढ़े:NIA">https://lagatar.in/mukesh-ganjhus-big-disclosure-to-nia-tpc-supremo-brajesh-ganjhu-collaborated-with-bgrs-gm-raghuram-reddy/19426/">NIAके सामने मुकेश गंझू का बड़ा खुलासा : TPC सुप्रीमो ब्रजेश गंझू से थी BGR के GM रघुराम रेड्डी की सांठगांठ
सरकार की गाइडलाइन आने पर होगा फैसला
डीसी ने बताया कि जनजातीय हिजला मेला के लिए सितंबर में ही आवंटन प्राप्त हो जाता था, लेकिन इस साल अभी तक आवंटन नहीं मिला है. कोविड के कारण 2020 में श्रावणी मेला का आयोजन भी नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि हिजला मेला के आयोजन को लेकर यदि सरकार की कोई गाइडलाइन आती है, तो मेला समिति बैठक इसपर उचित निर्णय लेगी. इसे भी पढ़े:नरेंद्र">https://lagatar.in/narendra-modi-and-arnab-goswami-have-a-tremendous-setting-prashant-bhushan-said-this-by-sharing-old-video/19428/">नरेंद्रमोदी और अर्नब गोस्वामी में जबरदस्त सेटिंग है, पुराना VIDEO शेयर कर प्रशांत भूषण ने यह कहा
मेले में सरकार देती है योजनाओं की जानकारी
हिजला मेला संस्कृतियों के आदान-प्रदान और परंपराओं के निर्वहन का माध्यम है. यह मेला जनता और प्रशासन के बीच सीधे संवाद का भी एक जरिया रहा है. इस मेले में कृषि एवं अन्य प्रदर्शनियों के माध्यम से सरकार लोगों तक योजनाओं की जानकारी पहुंचाती है. वहीं खेलकूद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है. इसके माध्यम से ग्रामीणों को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाता है. इसे भी पढ़े:राज्य">https://lagatar.in/if-the-law-and-order-in-the-state-fails-completely-we-will-remove-the-government-babulal/19423/">राज्यमें विधि-व्यवस्था पूरी तरह फेल, नहीं सुधरी तो हम हटा देंगे सरकार: बाबूलाल
जॉन राबर्ट्स कास्टेयर्स ने 1890 ई. में की थी शुरुआत
हिजला मेला की शुरुआत अंग्रेज जिलाधिकारी जॉन राबर्ट्स कास्टेयर्स द्वारा 3 फरवरी सन 1890 ई. को की गयी थी. हिजला मेला प्रदर्शनी स्थल का नाम कास्टेयर्स हॉल रखा गया. माना जाता है कि स्थानीय लोगों को उनकी परंपरा, रीति-रिवाज एवं सामाजिक नियमन से परिचित कराने के लिए मेला का आयोजन किया जाता है. साथ ही स्थानीय लोगों से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए मेला की शुरुआत की गयी थी. इसे भी पढ़े:पुलिसकर्मियों">https://lagatar.in/police-headquarters-will-request-the-government-to-regularize-the-policemens-week-off/19390/">पुलिसकर्मियोंके वीक ऑफ को नियमित करने के लिए पुलिस मुख्यालय सरकार से करेगा अनुरोध

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