NewDelhi : हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट जारी है. विपक्ष संसद से लेकर सड़क तक हंगामा कर रहा है. इसी बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सफाई देते हुए कहा कि भारत सरकार का अडानी समूह से कोई भी लेना देना नहीं है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज शुक्रवार को भारतीय बैंकिंग सिस्टम और लेंडर्स के रिस्क के बारे में बात करते हुए, कहा कि सभी अच्छी स्थिति में है.
#FMToNetwork18 | Both SBI & LIC have issued statements & mentioned that they are sitting on profits & within permissible limits, says FM Sitharaman on #Adani. #Budget2023 #BudgetWithCNBCTV18 @nsitharaman @nsitharamanoffc pic.twitter.com/advy2aG3jM
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एसबीआई और एलआईसी ने स्पष्ट कर दिया है कि दोनों ओवरएक्सपोज्ड नहीं हैं
एक मीडिया हाउस को दिये गये इंटरव्यू में वित्त मंत्री ने कहा कि एसबीआई और एलआईसी ने स्पष्ट कर दिया है कि दोनों ही ओवरएक्सपोज्ड नहीं हैं. कहा कि उन्होंने स्पष्ट कहा है कि उनका एक्सपोजर (अडानी समूह के शेयरों में) लिमिट में हैं और वैल्यूएशन में गिरावट के साथ वे अभी भी प्रोफिट में हैं.
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बैंकिंग सिस्टम दोहरे बैलेंसशीट की समस्या से गुजर चुका है
इस क्रम में निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम दोहरे बैलेंसशीट की समस्या से गुजर चुका है. कहा कि आज एनपीए के लोअर लेवल, वसूली और अच्छी स्थिति में आने के साथ कंफरटेबल लेवल पर है. देश के सबसे बड़े लेंडर एसबीआई ने निवेशकों की चिंताओं को दूर करने के प्रयास में कहा था कि अडानी ग्रुप के लिए उसका रिस्क कैश जेनरेट करने वाले असेट्स द्वारा पूरी तरह से सुरक्षित है.
दूसरी ओर पब्लिक सेक्टर दूसरे लेंडर बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा है कि संकटग्रस्त समूह में उसका कुल निवेश 7,000 करोड़ रुपये है, जो पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
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एलआईसी का अडानी ग्रुप में निवेश एक फीसदी से भी कम
जान लें कि एलआईसी ने अडानी ग्रुप के लोन और इक्विटी में 36,474.78 करोड़ रुपये के निवेश का खुलासा किया है, और कहा कि यह राशि उसके कुल निवेश का एक फीसदी से भी कम है. हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की सात लिस्टेड कंपनियों ने अपना आधे से ज्यादा मार्केट कैप खो दिया है, जो 100 बिलियन डॉलर से भी कम हो गया है.
एसबीआई ने अडानी समूह को शेयरों के एवज में कोई कर्ज नहीं दिया
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि अडानी समूह की कंपनियों को उसने करीब 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया हुआ है जो कुल वितरित ऋणों का सिर्फ 0.88 प्रतिशत है. एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि बैंक की ऐसी धारणा नहीं है कि अडानी समूह अपनी कर्ज देनदारियों को पूरा करने में किसी तरह की चुनौती का सामना कर रहा है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एसबीआई ने इस समूह को शेयरों के एवज में कोई कर्ज नहीं दिया है. खारा ने कहा कि अडानी समूह की परियोजनाओं को कर्ज देते समय भौतिक संपत्तियों एवं समुचित नकदी प्रवाह को ध्यान में रखा गया है.
लोगों के करोड़ों रुपए डूब गये, उसका क्या?
संसद सोमवार तक के लिए स्थगित हो गई क्योंकि विपक्ष PM से जुड़े अडानी मुद्दे पर JPC की मांग कर रहा है,जिसके कारण करोड़ों भारतीयों की बचत खतरे में है।सरकार कह रही है कि सांसद जनता के पैसे की बर्बादी कर रहे हैं।इस महाघोटाले से पिछले कुछ दिनों में लोगों के करोड़ों रुपए डूबे,उसका क्या?
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 3, 2023
उधर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संसद सोमवार तक के लिए स्थगित हो गयी है, क्योंकि विपक्ष पीएम मोदी से जुड़े अडानी मुद्दे पर JPC की मांग कर रहा है. क्योंकि इस मामले में करोड़ों भारतीयों की बचत खतरे में है. लेकिन सरकार कह रही है कि सांसद जनता के पैसे की बर्बादी कर रहे हैं. पूछा कि इस महाघोटाले के कारण पिछले कुछ दिनों में लोगों के करोड़ों रुपए डूब गये, उसका क्या?