Ranchi : एक राज्य- एक अखबार की परिकल्पना के साथ झारखंड की राजधानी रांची से शुक्रवार को हिंदी दैनिक शुभम संदेश का शुभारंभ हुआ. होटल बीएनआर चाणक्य में सैकड़ों बुद्धिजीवियों, पत्रकारों की मौजूदगी में राज्य के जनप्रतिनिधियों ने शुभम संदेश अखबार लॉन्च किया. रांची के सांसद संजय सेठ, नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, महुआ माजी, खीरू महतो, वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, विधायक सरयू राय, मनीष जायसवाल, लंबोदर महतो, समरी लाल, शुभम संदेश के प्रधान संपादक सुरजीत सिंह एवं स्थानीय संपादक संजय सिंह ने संयुक्त रूप से शुभम संदेश का लोकार्पण किया. इस मौके पर कई अन्य जनप्रतिनिधि और गणमान्य लोग मौजूद रहे.
अतिथियों ने दी अखबार को शुभकामना
रथयात्रा के पावन मौके पर निष्पक्ष, निडर और स्वतंत्र होकर अखबार निकालने के संकल्प के साथ शुभम संदेश का लोकर्पण हुआ है. अतिथियों ने झारखंड से निकलने वाले इस नये अखबार को शुभकामनाएं दीं. उम्मीद जताई कि शुभम संदेश निष्पक्ष रूप से समाज के हर वर्ग की समस्याओं को सामने लाएगा. समसामयिक घटनाओं के साथ विकास, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों को लेकर अखबार पाठकों तक पहुंचेगा. लॉन्चिंग समारोह की थीम विधायकों के सपने पर भी कार्यक्रम में मौजूद विधायकों ने अपने सपनों से रू-ब-रू करवाया.
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संसदीय प्रणाली में अखबार की बड़ी भूमिका- सुबोधकांत
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि शुभम संदेश अखबार अनुभवी टीम के साथ पाठकों के बीच आया है. एक पाठक के रूप में वे इसका स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली में अखबार की बड़ी भूमिका होती है. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का भी युग आया, लेकिन यह महसूस किया गया कि प्रिंट के बिना देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं बचेगी. उन्होंने कहा कि अखबार पॉजिटिविटी के साथ आया है. शुभम में शुभ है. अखबार सफल होगा.
पाठक की रुचि क्या है, उसे ढूंढना होगा – संजय सेठ
रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा कि जब वे अपने विधानसभा क्षेत्र में कार्यक्रम करते हैं, तो उसकी प्रेस रिलीज चार जिलों में भेजनी पड़ती है, क्योंकि कई विधानसभा क्षेत्रों में अखबारों के अलग-अलग एडिशन पहुंचते हैं. सिल्ली में उन्होंने क्या किया, इसका पता ईचागढ़ के लोगों को नहीं चलता. वहीं ईचागढ़ में क्या किया इसका पता सिल्ली और खलारी को नहीं चलता. ऐसे में एक राज्य- एक अखबार की परिकल्पना के साथ आये शुभम संदेश में सभी जगह की खबरें होंगी. सांसद ने कहा कि सोशल मीडिया का कितना भी दौर आ जाए, लेकिन अखबार की जगह कोई नहीं ले सकता. अखबार हमें वैचारिक रूप से मजबूत करता है. ध्यान यह रखना होगा कि खबरों का चयन ठीक हो. पाठक की रुचि क्या है, उसे ढूंढना होगा और उसके मुताबिक खबरें देनी होंगी.
खबरों के चयन में रखा जाए ध्यान- आदित्य साहू
राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने कहा कि शुभ दिन पर शुभम संदेश का विमोचन हुआ है. शुभम संदेश की पूरी टीम को बधाई और शुभकामना. सांसद ने कहा कि यह ध्यान रखना होगा कि पत्रकारिता पार्टी न बने. अब गांव के लोग भी जागरूक हो गये हैं. कौन सी खबर निष्पक्ष है और कौन सी नहीं, ये आम लोग अब समझने लगे हैं. इसकी चर्चा भी करते हैं. खबरों में निष्पक्षता नहीं होने पर अखबार की लोकप्रियता घटने लगती है. शुभम संदेश की टीम को इसे ध्यान में रखते हुए खबरों का चयन करना चाहिए.
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पिछड़ों-गरीबों की आवाज बने अखबार- खीरू महतो
राज्यसभा सांसद खीरू महतो ने कहा कि वे कामना करते हैं कि शुभम संदेश लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ के रूप में काम करे. गरीबों और पिछड़ों की आवाज बने. यह एक ऐसा अखबार बने जैसा आज तक राज्य में दूसरा कोई अखबार न बन सका. यह श्रेष्ठ अखबार बने और इसका खूब प्रचार-प्रसार हो.
फ्रंट पेज पर निगेटिव न्यूज न जाए- महुआ माजी
राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि अखबारों में स्थानीय खबरों की परिपाटी से अलग एक राज्य- एक अखबार की सोच से साथ आया शुभम संदेश सफल होगा. पहले यहां के अखबार मोटे-मोटे हुआ करते थे. लोग उन्हें खूब पढ़ते थे. प्रिंट के प्रति लोगों में अब भी काफी रुझान है. उन्होंने सुझाव दिया कि अखबार से दिन की शुरुआत होती है, इसलिए अखबारों में फ्रंट न्यूज निगेटिव न हो इसका ख्याल रखा जाए. दूसरे अखबारों की तरह शुभम संदेश को भी एक्स्ट्रा एक्टिविटी और कार्यक्रमों का भी आयोजन करना चाहिए. इससे लोग और समाज के बीच अखबार की पकड़ बनेगी.
खबरों में संतुलन बनाकर चले शुभम संदेश- सीपी सिंह
रांची के विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि शुभ दिन में शुभम संदेश का लोकार्पण हो रहा है. आज महाप्रभु जगन्नाथ भी मौसीबाड़ी पहुंचे. सीपी सिंह ने माना कि अखबारों में अलग-अलग एडिशन होने के कारण दूसरे जिलों की खबरें नहीं पढ़ पाते. उन्होंने 1975-76 को याद करते हुए बताया कि उस दौर में उन्होंने भी अखबार बांटा था. इमरजेंसी के दौरान वे रांची के कॉलेजों में लोकवाणी पत्रिका बांटते थे. अब तो रांची से सैकड़ों अखबार निकल रहे हैं. ऐसे में खुद को भीड़ से अलग दिखाने की चुनौती शुभम संदेश के पास है. अखबारों के साथ एक मजबूरी यह भी है कि उसे विज्ञापन के लिए सरकार और पदाधिकारियों के आगे-पीछे करना होता है, इसलिए वे सरकार के खिलाफ खुलकर नहीं लिख सकते. शुभम संदेश से यह अपेक्षा करते हैं कि वो खबरों में संतुलन बनाकर चले.
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शुभम संदेश झारखंड में सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला अखबार होगा – सरयू राय
वरिष्ठ विधायक सरयू राय ने कहा कि सीपी सिंह जिस लोकवाणी की बात कर रहे थे, उसका संपादक वे ही हुआ करते थे. कहा कि पूरे राज्य के लिए एक अखबार में कई खूबियां तो कई कमियां भी हैं. एक एडिशन का अखबार होने से पहले यह परेशानी होती थी कि सुदूर इलाकों में अखबार पाठकों तक देर शाम तक पहुंचती थी. कई बार दो दूसरे दिन पहुंच पाती थी. अलग-अलग एडिशन का अखबार होने से सुबह-सुबह पाठकों को अखबार मिल जाती है. अखबार समय पर पाठकों तक पहुंचे, इसलिए अखबार को समय पर निकालना होगा. अखबार के 15-16 पेज में समाज के सभी वर्गों के साथ न्याय करना भी मुश्किल होता है, लेकिन अखबार निकालने वालों को अखबार पढ़ने वालों की मानसिकता को ध्यान में रखते हुए अखबार निकलाना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई की शुभम संदेश झारखंड़ में सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला अखबार होगा.
शुभम संदेश निष्पक्ष, निडर और स्वतंत्र अखबार- लंबोदर महतो
विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि वे कामना करते हैं कि शुभम संदेश झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता की समस्याओं और जनमुद्दों को निष्पक्ष, निडर और स्वतंत्र होकर जनता तक पहुंचाएगा. अखबार की लॉन्चिंग के दिन ही पहले पेज पर लगी शुभम संदेश की खबर ने साबित कर दिया है कि यह निष्पक्ष, निडर और स्वतंत्र है. अब एक ही अखबार में पूरे राज्य की खबर जानने का मौका मिलेगा. यह प्रयास बहुत अच्छा है. उन्होंने बताया कि विधायक के रूप में उनका सपना यह है कि सभी लोग सुखी रहें, रोग मुक्त रहें और मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें. साथ ही झारखंड देश के विकसित राज्य की श्रेणी में आये.
अखबारों ने जिलों को बांट दिया है- मनीष जायसवाल
विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि अखबारों ने जिलों को बांट दिया है. अगर हम हजारीबाग में हैं, तो हम रामगढ़ की खबरें नहीं जान पाते, जबकि हजारीबाग से रामगढ़ 45 किलोमीटर ही दूर है. शुभम संदेश एक राज्य- एक अखबार की परिकल्पना के साथ आया है. उम्मीद है कि सभी जिलों की महत्वपूर्ण खबरें पढ़ने को मिलेंगी. उन्होंने डिजिटल के बाद प्रिंट मीडिया में पदार्पण के लिए लगातार मीडिया को बधाई दी और इसकी सराहना की. एक विधायक के तौर पर अपने सपने के बारे में जायसवाल ने कहा कि मेरी दुनिया बहुत छोटी है. अपने विधानसभा क्षेत्र को ही मैं अपनी दुनिया मानता हूं. इसे कल्चर, एजुकेशन, स्पोर्ट्स के मामले में डेवलप करना और उसे राज्य के अग्रणी विधानसभा के रूप में देखना ही मेरा सपना है.
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अपने विधानसभा में क्या किया, इस अखबार में दिखेगा- समरी लाल
विधायक समरी लाल ने कहा कि राज्य के सभी बड़े और महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थान और अखबारों के दफ्तर उनके विधानसभा क्षेत्र कांके में ही हैं. लेकिन अपने विधानसभा क्षेत्र मैक्लुस्कीगंज और खलारी में वे क्या काम करके आये हैं, वह यहां के अखबारों में नहीं छपता है. शुभम संदेश के आने के बाद यह पढ़ने को मिलेगा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में क्या हो रहा है. अखबार की पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं.
शुभम संदेश नया प्रयोग है- सुरजीत सिंह
इससे पहले अपने स्वागत भाषण में शुभम संदेश के प्रधान संपादक सुरजीत सिंह ने कहा कि शुभम संदेश अखबार एक नया प्रयोग है. 10-15 साल पहले जब वे प्रभात खबर में हरिवंश जी के साथ काम करते थे, तब वे कहा करते थे कि पूरे राज्य का एक अखबार होना चाहिए था. अखबारों में 40 से 50 फीसदी खबरें गैर जरूरी होती हैं. उसी वक्त उनके मन में यह बात थी कि अगर कभी अखबार निकालने का मौका मिला, तो एक ऐसा अखबार निकालेंगे, जिसमें चौपारण से चाईबासा, पलामू से साहिबगंज, उपराजधानी से राजधानी और कोयला क्षेत्र से लौह नगरी तक की खबर एक जगह हो.
रथयात्रा के पावन दिन नई शुरुआत- संजय सिंह
स्थानीय संपादक संजय सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि रथयात्रा के पावन दिन हमने नई शुरुआत की है. कोरोना काल में जब हर जगह लोगों से रोजगार छिन रहा था, उस समय शुभम संदेश आया और युवाओं को रोजगार और अपनी प्रतिभा को दिखाने का मौका दिया. इस अखबार में युवाओं और अनुभवी लोगों की टीम है. उम्मीद है कि जल्द यह अखबार मीडिया जगत और आम जनमानस के बीच अपनी पहचान बनाएगा.
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