Ranchi : कोरोना का संक्रमण अब भयावह रूप लेने लगा है. विभागीय मंत्री के लाख दावे के बावजूद भी व्यवस्था ध्वस्त नजर आ रही है. कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद किसी तरह का कोई भी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है. सदर अस्पताल के मेन गेट पर ही अस्पताल के कर्मचारी संक्रमित के शवों को छोड़कर चले जा रहे हैं. साफतौर पर नियमों की अनदेखी हो रही है और प्रोटोकॉल का उल्लंघन. कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों के शवों को सदर अस्पताल के मेन गेट पर ही रख दिया जा रहा है. अस्पताल के कर्मचारी अपना काम करने का महज एक कोरम पूरा कर रहे हैं. अस्पताल के कर्मचारियों की यह लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है.
कोरोना संक्रमित का रखा गया था शव और लोग कर रहे थे आना-जाना
कोरोना से मौत हुए लोगों के शव को सदर अस्पताल के मुख्य द्वार पर रख दिया गया था और सामान्य मरीजों इलाज के लिए सदर अस्पताल आ रहे थे. उनका आना-जाना भी लगा रहा. ऐसे में सवाल उठता है कि यदि इतनी लापरवाही अस्पताल के कर्मियों द्वारा की जाएगी, तो फिर कोरोना वायरस पर कैसे काबू किया जा सकेगा.
एंबुलेंस चालक भी कर रहे हैं उल्लंघन
लोगों की परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने कोविड संक्रमित मरीज के निजी एंबुलेंस के लिए किराया तय कर दिया है, लेकिन सदर अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव एक व्यक्ति को हटिया से सदर अस्पताल तक लाने के लिए 5000 की वसूली की गई. बावजूद इसके एम्बुलेंस का संचालक संतुष्ट नजर नहीं आया. एक हजार रुपए की और मांग कर रहा था.