Ranchi : राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने संसद में हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के द्वारा दोगुना ब्याज वसूलने का मुद्दा उठाया हैं. सदन के अंदर सप्लीमेंट्री प्रश्न के तहत दीपक प्रकाश ने कहा कि कुछ गैर वित्तीय बैंकिंग कंपनियां जो एमडीएससी के गाइडलाइन से नियंत्रित हैं वह कैटेगरी 1, 2 और 3 शहरों में रहने वाले लोगों से आवास ऋण पर सरकारी बैंकों की तुलना में दोगुना ब्याज वसूलते हैं.
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नेशनल हाउसिंग बोर्ड के कंट्रोल में चलती हैं फाइनेंस संस्थाएं
इसके जवाब में विभागीय मंत्री ने कहा कि घर बनाने के लिए बैंक और हाउसिंग फाइनेंस संस्थाएं लोन देती है. सारे हाउसिंग फाइनेंस कंपनी नेशनल हाउसिंग बोर्ड के कंट्रोल में होता है और वह उनके गाइडलाइन से चलते हैं. उन्हें रजिस्ट्रेशन भी करवाना पड़ता है. हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों का लोन इसलिए महंगा होता है क्योंकि वह लोन पर या फिर मार्केट से पैसा उठा कर लोन देते हैं, जबकि बैंकों के पास करंट और सेविंग अकाउंट में पर्याप्त पैसे होते हैं. इसलिए वह कम ब्याज दर पर लोन देते हैं.
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होम लोन के लिए सरकार नेशनल बैंकों को ही करे प्रमोट
इसपर दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकार को आरबीआई द्वारा संचालित नेशनल बैंकों को प्रमोट किया जाना चाहिए. और उनके जरिए ही होम लोन देने की प्रक्रिया करनी चाहि. इससे लोगों को अन्य वित्तीय संस्थाओं के पास दोगुने ब्याज पर लोन लेने के लिए जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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