LagatarDesk: अमेरिकी चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी के Joe Biden और कमला हैरिस की जीत हो चुकी है. 20 जनवरी को डेमोक्रेट Joe Biden अमेरिका के नये राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. Joe Biden को 279 और ट्रंप को 214 इलेक्टर्स वोट मिले. जीत के लिये सिर्फ 270 वोट ही जरुरी थे.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दोस्त माने जानेवाले डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव हार जाने के बाद सबके मन में यह बात है कि क्या भारत और अमेरिका के बीच पहले जैसे संबंध कायम रह पायेंगे.
- बाइडेन ग्रुप में चीन को लेकर सोच काफी अलग है और इससे भारत के रिश्तों पर प्रभाव पड़ सकता है.
- बराक ओबामा के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति बनने से पहले से ही Biden भारत के साथ मजबूत रिश्तों की सिफारिश करते रहे हैं. ऐसे में उनसे उम्मीद है कि वह भारत के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करेंगे.
- बाइडन ने 1 करोड़ से ज्यादा अप्रवासी लोगों को अमेरिका की नागरिकता देने की भी बात कही है, जिसमें 5 लाख भारतीय भी शामिल होगें.
- बाइडेन के राष्ट्रपति बनने से भारत को लाभ मिल सकता है क्योंकि भारत के लिये बाइडेन कोई नये नही हैं, उन्हें राष्ट्रपति बराक ओबामा के उपराष्ट्रपति के तौर पर कई प्लेटफॉर्म पर भारत का पक्ष लेते देखा गया है.
- यह Joe Biden ही थे जिन्होंने अमेरिका की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया था.
- कमला हैरिस भारतीय मूल की पहली महिला उपराष्ट्रपति बनी हैं. हैरिस भारतीय मूल की हैं, इससे उम्मीद की जा रही है कि हैरिस भारत का समर्थन करेंगी. हैरिस मानवाधिकार उल्लंघन की प्रखर आलोचक रही हैं. अभी भारत में जिस तरह के हालात हैं ऐसे में उनका समर्थन मिलने की उम्मीद कम ही नजर आती है.
- इसी तरह अनुच्छेद 370 को रद्द कर नया नागरिकता कानून लाना या असम में NRC लागू करना शायद उन्हें पसंद न आये और शायद हैरिस इसमें भारत का साथ न भी दें.
- सीनेट की फॉरेन रिलेशंस कमेटी के चेयरमैन और उसके बाद उपराष्ट्रपति रहने के दौरान Biden ने भारत के साथ मजबूत Strategic भागीदारी बढ़ाने की बात भी कही है.
- 2006 में Biden ने कहा था कि मेरे सपने की दुनिया में अमेरिका और भारत सबसे नजदीकी देश हैं. इससे स्पष्ट होता है कि अमेरिका से भारत के रिश्ते मजबूत होंगे.
- 2008 में जब भारत-अमेरिका न्यूक्लियर डील हो रही थी, तब भी बाइडेन ने ही अमेरिकी संसद (कांग्रेस) में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स को इसके लिये राजी किया था.
- उनके ही कार्यकाल में अमेरिका ने UN Security Council को बढ़ाने और भारत को इसका स्थायी सदस्य बनाने के लिए औपचारिक रूप से समर्थन किया था.
- ओबामा-बाइडेन कार्यकाल में ही भारत को मेजर डिफेंस पार्टनर घोषित किया गया था. अमेरिका ने पहली बार किसी देश को ऐसा Status दिया .
- ओबामा-बाइडेन के कार्यकाल के आखिरी दिनों में Logistic Exchange Memorandum Of Agreement (LEMOA) किया गया था जो Miletary Cooperation के 3 Foundational Facts में से एक था.
हालांकि अभी भारत-अमेरिका के भावी रिश्तों के बारे में कोई भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी, लेकिन Biden ने बहुत से मुद्दों पर भारत के पक्ष खड़े दिखे हैं, इसलिए भारत-अमेरिका के बीच अच्छे संबंध कायम रहने और भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद लगायी जा सकती है.
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किस मुद्दे पर क्या निर्णय ले सकती है Biden की डेमोक्रेट सरकार
- चीन के मुद्दे पर Biden सरकार का क्या फैसला हो सकता है, यह बताना थोड़ा मुश्किल है. लेकिन Trump चीन के Strategic-rival पर खुल कर बोलते थे लेकिन Biden इस पर किस तरह की प्रतिक्रिया देंगे, यह बताना थोड़ा मुश्किल है. हां, लेकिन भारत यह उम्मीद कर सकता है कि Biden के कार्यकाल में अमेरिका नियम-आधारित और Constant Indo-Pacific नीति पर काम करेगा.
- ओबामा-बाइडेन के कार्यकाल में अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ दिया था, इसलिए भारत को उम्मीद है कि US सीमा पार आतंकवाद को अपने उसी परंपरागत नजरिये से देखेगा.
- H-1B वीजा को लेकर Trump के कार्यकाल में काफी सख्त निर्णय लिये गये थे. लेकिन उम्मीद की जा सकती है कि Biden इस पर नरमी दिखायेंगे. क्योंकि उप राष्ट्रपति कमला हैरिस भी भारतीय मूल की हैं इसलिए उम्मीद है कि वह इसका समर्थन करेंगी. इससे शिक्षा अथवा रोजगार के लिए अमेरिका जाने की इच्छा रखनेवाले भारतीयों की राह आसान हो सकती है.
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