Ramgarh: खबर है कि रामगढ़ के घाटो और कुजू-मांडू से अवैध कोयले का कारोबार शुरु हो गया है. इन तीन इलाकों से हर दिन करीब 25-30 हाईवा अवैध कोयला निकाला जा रहा है. कुजू व मांडू क्षेत्र से अवैध कोयले के कारोबार डब्बू सिंह कर रहा है. जबकि घाटो क्षेत्र से दीपक, संजू, शंकर मिश्रा, इनाम व अन्य दूसरे लोग शामिल हैं. डब्बू सिंह कुछ ट्रक कोयला डेहरी के मंडी में भी भेज रहा है.
पक्की जानकारी है कि घाटो व कुजू-मांडू क्षेत्र से निकलने वाले अवैध कोयले को रामगढ़ में ही खपाया जा रहा है. रूंगटा की फैक्टरी में आलोक स्टील में अवैध कोयले को गिराया जा रहा है. फैक्टरी में इसी कोयले का इस्तेमाल किया जा रहा है.
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इस बार डेहरी के बदले स्थानीय स्तर पर ही हो रहा इस्तेमाल
समय के साथ-साथ अवैध कोयले के कारोबार का स्वरूप भी बदल जाता है. पहले अवैध कोयले को डेहरी व बनारस की मंडियों में पहुंचाया जाता रहा है. लेकिन इस बार स्थानीय स्तर पर ही इसे खपाने की रणनीति के तहत काम किया जा रहा है. इस बार बड़े ही सुनियोजित तरीके से इस अवैध कारोबार को किया जा रहा है. इस अवैध धंधे को किस व्यक्ति का संरक्षण प्राप्त है, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल सकी है.
जिनकी जिम्मेदारी रोक लगाने की, वह चुप हैं या चुप करा दिये गये!
जिन विभागों पर अवैध कोयला चोरी रोकने जिम्मेदारी है, उनमें सीसीएल, वन विभाग, खनन विभाग, जिला प्रशासन और डीसी द्वारा गठित टास्क फोर्स और पुलिस विभाग (थाना से लेकर डीआईजी तक), शामिल है. इनमें से कोई भी एक विभाग अगर अवैध कोयला कारोबार को रोकना चाहे, तो कोयला का अवैध खनन, परिवहन रूक जाता है. कोयले का अवैध कारोबार बेरोक-टोक चल रहा है, क्योंकि जिन पर रोकने की जिम्मेदारी है, वह या तो चुप हो गये हैं या उन्हें चुप करा दिया गया है. अगर चुप करा दिया गया है, तो कोई ना कोई मजबूत संरक्षक इस कारोबार के पीछे जरुर होंगे.
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