- शरफुद्दीन खान और जेल के अधीक्षक हामिद अख्तर को पांच दिसंबर को बुलाया
- पंकज मिश्रा के ड्राइवर सूरज पंडित को 6 दिसंबर और चंदन को 7 दिसंबर को तलब किया
Ranchi : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बरहरवा टोल प्लाजा मामले के जांच अधिकारी शरफुद्दीन खान और बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के अधीक्षक हामिद अख्तर को समन जारी किया है. दोनों को पांच दिसंबर को ईडी के समक्ष पेश होने को कहा गया है. ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के ड्राइवर सूरज पंडित और चंदन को भी तलब किया है. एजेंसी ने उन्हें क्रमश: छह और सात दिसंबर को पेश होने को कहा है. सूत्रों के मुताबिक ईडी उनसे न्यायिक हिरासत के दौरान कुछ विचाराधीन कैदियों द्वारा अवैध पत्थर खनन मामले के अलावा सत्ता के कथित दुरुपयोग के बारे में पूछताछ करना चाहती है.
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पंकज मिश्रा को कैसे क्लीन चिट दी गई, इसकी जांच करना चाहती है ईडी
जांच एजेंसी बरहरवा टोल प्लाजा मामले में पंकज मिश्रा को कैसे क्लीन चिट दी गई, इसकी गहराई से जांच करना चाहती है. ईडी ने पहले शरफुद्दीन खान का बयान दर्ज किया था. वह ईडी के गवाहों में से एक है. ईडी ने मामले के जांच अधिकारी को ऐसे समय में बुलाया है, जब एजेंसी को संदेह था कि साहिबगंज पुलिस एफआईआर को कमजोर कर पंकज मिश्रा और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच को खराब करने की कोशिश कर रही है, जिसे ईडी ने जांच के लिए लिया था. गौरतलब है कि दुमका रेंज के डीआईजी ने ईडी की आशंकाओं को खारिज करते हुए विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. पुलिस ने कहा है कि पंकज मिश्रा को दो मामलों में क्लीन चिट दे दी गई, क्योंकि आरोप साबित नहीं हो सके.
ईडी ने अवैध पत्थर खनन की जांच शुरू की है
ईडी ने 22 जून, 2020 को साहिबगंज जिले के बरहरवा पुलिस थाने में व्यवसायी शंभू नंदन प्रसाद द्वारा दर्ज मामले (एफआईआर 85/2020) के बाद अवैध पत्थर खनन की जांच शुरू की है. इस मामले में पंकज मिश्रा, राज्य के मंत्री आलमगीर आलम व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. शंभू नंदन प्रसाद ने कहा था कि उन्हें पंकज मिश्रा और मंत्री ने फोन पर धमकी दी थी और बरहरवा टोल के टेंडर में हिस्सा नहीं लेने को कहा था. मना करने पर पंकज मिश्रा के कहने पर भीड़ ने उन पर हमला कर दिया. ईडी द्वारा इस मामले को हाथ में लेने से महीनों पहले साहिबगंज पुलिस ने चार्जशीट दायर की. डिजिटल और अन्य सबूतों के बावजूद पंकज मिश्रा और मंत्री को क्लीन चिट दे दी. हालांकि, शिकायतकर्ता ने कहा कि उसे क्लीन चिट के बारे में बाद में पता चला. पुलिस ने उसे अंधेरे में रखा, इसलिए वह उपलब्ध कानूनी उपायों का सहारा नहीं ले सका. जांच के दौरान ईडी ने साहिबगंज पुलिस से पूछताछ की. बताया गया कि किस आधार पर पंकज मिश्रा को क्लीन चिट दी गई थी.
जेल मैनुअल से परे सुविधाओं का लाभ उठाया
पंकज मिश्रा ने 19 जुलाई को गिरफ्तार होने के बाद अपने पद और मुख्यमंत्री से नजदीकी का गलत इस्तेमाल किया. उसने जेल मैनुअल से परे सुविधाओं का लाभ उठाया. पंकज मिश्रा के खिलाफ मुख्य आरोप यह है कि उसने अपनी हिरासत अवधि के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया. गवाहों को धमकाया. सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की. जिला और राज्य के अधिकारियों से निर्देश देने के लिए बात की. पिछले महीने ईडी ने पंकज मिश्रा से मिलने रिम्स के पेइंग वार्ड जाने वाले सूरज पंडित और चंदन यादव को पकड़ा था. कॉल करने के लिए अपने बॉस को अपना फोन मुहैया कराया था.
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