Ranchi: आईएमए के निर्विरोध निर्वाचित अध्यक्ष डॉ सहजानंद सिंह का आईएमए झारखंड ने स्वागत किया. रांची पहुंचने पर राज्य के तीन मेडिकल कॉलेजों की मान्यता को लेकर डॉ सहजानंद सिंह ने कहा कि यहां के कॉलेजों को मान्यता नहीं मिली, इसके पीछे राज्य सरकार ही जिम्मेवार है. उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य मंत्री को निरंतर दिल्ली जाकर इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए थी.
उन्हें मान्यता देने के लिए जरूरी मदद करने को लेकर तैयार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को झारखंड के छात्रों के करियर के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए था. बिहार के दो कॉलेजों में भी ऐसा हुआ था, जिसके जजमेंट को आधार बनाया जा सकता था. उन्होंने कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों को मान्यता मिलने में इतनी दिक्कत नहीं होनी चाहिए, पता नहीं झारखंड में ऐसा क्यों हो रहा है.
डॉक्टरों के जनहित में काम करने की अपील
आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद सिंह ने डॉक्टरों से जनहित में कार्य करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े अस्पतालों में चार पांच बेड गरीब मरीजों के लिए रिजर्व होनी चाहिए. कम खर्च या मुफ्त में इलाज करना चाहिए. वहीं ओपीडी में भी चार पांच मरीजों को मुफ्त में देखना चाहिए. इसके अलावा इतने ही गरीब और कमजोर वर्ग के मरीजों का मुफ्त में इलाज होना चाहिए.
हरियाणा की तर्ज पर क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट में 50 बेड तक छूट की मांग
आईएमए झारखंड की मांग को दोहराते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि झारखंड में भी क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को हरियाणा के तर्ज पर लागू किया जाना चाहिए. 50 बेड तक के अस्पतालों को इसमें छूट दी जानी चाहिए. इसके अलावा उन्होंने झारखंड में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट जल्द से जल्द लागू करने की भी मांग की है.
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