Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर अमल शुरू हो गया है. झारखंड राज्य सौर नीति-2022 के तहत एक हजार गांवों को सोलराइज करने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए प्रथम चरण में झारखंड के 200 गांवों को सोलराइज करने की दिशा में सरकार ने कदम आगे बढ़ा दिया है. सोलराइज करने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता और गुणवत्ता में सुधार होगी. ग्रामीणों की आय बढ़ेगी. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी. सौर ऊर्जा को एकीकृत कर रोजगार का अवसर दिया जायेगा. इस कड़ी में गिरिडीह को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है. यहां घरेलू उपभोक्ता के लिए कुल 17 मेगावाट एवं वाणिज्यिक सेक्टर के लिए 5 मेगावाट का रूफटॉप पॉवर प्लांट, एक मेगावाट सोलर स्ट्रीट लाइट एवं 18 मेगावाट का ग्राउंड माउंटेड सोलर पॉवर प्लांट का लक्ष्य रखा गया है. प्रथम चरण में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 5 मेगावाट रूफटॉप लगाने की कार्यवाही चल रही है.
गांवों की प्राथमिकता सूची की पहचान का निर्देश दिया था
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रत्येक जिले में चयन मानदंडों के आधार पर सौर गांवों में तब्दील किए जाने वाले गांवों की प्राथमिकता सूची की पहचान करने का निर्देश दिया था. उन्होंने चिन्हित गांवों की सूची उपायुक्तों के साथ साझा करने, गांवों में आजीविका को लेकर सौर ऊर्जा के नए प्रयोगों को लागू करने की संभावनाया क्षमता का आकलन करने, सामुदायिक सौर प्रतिष्ठानों के लिए उपयुक्त सरकारी और निजी भूमि वाले गांवों में भूमि बैंकों की पहचान कर नक्शा बनाने और गांवों की मांग को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित का निर्देश दिया है. किसानों को ध्यान में रखते हुए माइनर इरिगेशन में भी सौर ऊर्जा के उपयोग पर ध्यान देने का निर्देश दिया है.
कम्युनिटी बेस्ड सौर प्रतिष्ठानों के माध्यम से गांवों को बिजली
सौर नीति के तहत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों और ग्रामीणों को सशक्त करना चाहती है. इसके लिए सभी अड़चनों को दूर करने का कार्य किया जाएगा. ताकि स्वास्थ्य केंद्रों, स्कूलों, पुलिस स्टेशनों जैसे संस्थागत केंद्रों को सौर ऊर्जा से बिजली उपलब्ध कराई जा सके. साथ ही ग्रामीणों की दुकानों एवं कृषि कार्य में सौर ऊर्जा का उपयोग हो सके. सरकार का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित एमएसएमई को सशक्त करना भी है.
रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान

नीति के तहत बिजली की अधिक खपत वाले गांवों को प्राथमिकता देने का कार्य किया जाएगा. मध्यम आकार के गांवों या अधिक छोटे समूहों की पहचान करने का निर्देश सरकार ने दिया है. साथ ही गांव में कृषि उद्योग के अतिरिक्त नौकरी के अवसर सृजित करने पर अधिक जोर दिया जाएगा.
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