Patna : बिहार में शिक्षकों की बहाली को लेकर लगातार मांगे उठती रही है. विपक्ष सरकार को इस मुद्दे में घेरने की कोशिश करता रहा है. जिसे लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानसभा सत्र के दौरान स्थिति को स्पष्ट कर दिया है. शिक्षा मंत्री ने अनुपूरक व्यय विवरणी पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होते ही सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. शिक्षकों की नियुक्ति के तुरंत बाद 8 हजार फिजिकल टीचर भी नियुक्ति किए जाएंगे. शिक्षा मंत्री ने कहा कि 40 हजार शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो गई है. लेकिन सरकार ने सभी शिक्षकों को एक साथ नियुक्ति पत्र देने का फैसला किया है. एक ही विज्ञापन के आधार पर अगर अलग-अलग तारीखों में नियुक्ति होगी.
पंचायत चुनाव के बाद होगी शिक्षकों की नियुक्ति
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव चलने के कारण अभी प्रक्रिया बाधित है. कुछ पंचायतों में शिक्षकों का नियोजन हो चुका है तो कहीं जांच की प्रक्रिया चल रही है, और कुछ में आवेदन की ही प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में अगर किसी पंचायत के शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दे दिया जाए तो फिर वरीयता का मामला आयेगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसलिए अभ्यर्थी किसी के बहकावे में ना आये नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होते ही सवा लाख शिक्षकों को एक साथ नियुक्ति पत्र दिया जायेगा. उन्होने कहा कि राज्य सरकार संस्कृत एवं उर्दू शिक्षा को बढ़ावा देगी और इसे देश के किसी अन्य राज्य की तुलना में अधिक बेहतर बनाया जायेगा.
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बिहार में स्कूलों की संख्या बढ़ी
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के कार्यकाल में बहुत सुधार हुआ है. प्राथमिक स्कूलों की संख्या 37 हजार से बढ़कर 40 हजार हो गई है. वहीं माध्यमिक विद्यालयों साढ़े 13 हजार से बढ़ कर 29 हजार हो गयी है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि राज्य के शिक्षकों को कम वेतन दिया जाता है. अभी जो बहाली हो रही है, उसमें राज्य के शिक्षकों को वेतन के तौर पर 36 हजार रुपया दिया जायेगा. जो कि असम में 31 हजार और झारखंड में 34 हजार रुपये से अधिक है. बिहार में अपर प्राइमरी के शिक्षकों को 38 हजार, झारखंड में 35 हजार और असम में 33 हजार रुपया वेतन दिया जाता है.
साथ ही मंत्री ने बताया कि साढ़े पांच हजार पंचायतों में उच्च माध्यमिक स्कूलों का संचालन किया जा रहा है. इनके लिए भी भवन एवं शिक्षक की व्यवस्था की जा रही है. एक किमी की दूरी पर प्राइमरी, तीन किमी की दूरी पर मध्य और पांच किमी के दायरे में माध्यमिक स्कूल खुल चुके हैं.
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