Dhanbad: विश्व हिंदू परिषद ने सोमवार को उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. विहिप ने झारखंड विधानसभा में नमाज कक्ष के आवंटन को निरस्त करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा.
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विधानसभा भवन की अपनी मर्यादा होती है
विहिप के धनबाद जिला महानगर अध्यक्ष हनुमान प्रसाद सिंघल ने कहा कि झारखंड विधान सभा अध्यक्ष के आदेश से विशेष समुदाय को नमाज कक्ष आवंटित किया गया है. यह असंवैधानिक है. भारतीय लोकतंत्र में विधानसभा भवन की अपनी मर्यादा होती है. विधानसभा भवन में राज्य के विकास की निति निर्धारण एवं विधान प्रतिष्ठापित होती है. विकास की कार्य योजना निश्चित होती है. विधानसभा की कार्यप्रणाली में आम जनमानस की आस्था होती है. विश्वास होता है. सदन में निर्धारित नीति, विधान एवं कार्ययोजना सर्वसाधारण जनता के लिए होती है न कि किसी विशेष के लिए. सदन किसी भी धर्म अथवा सम्प्रदाय से ऊपर होती है.
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प्रदेश में विकास कार्य बाधित हो रही है
कहा कि झारखंड में शैव, वैष्णव, सरना, सिख, जैन, बौद्ध, मुस्लिम और ईसाई सहित कई संप्रदाय और भाषा-भाषी के लोग रहते हैं. सभी धर्मघाराओं एवं भाषा-भाषी के जनता को नकारते हुए सिर्फ विशेष समुदाय को प्रश्नेय देना तुष्टीकरण की पराकाष्ठा को पार करना है. राज्य सरकार फूट डालो शासन करो की नीति अपनाकर समाज के बीच द्वेष फैला रही है. अल्पदर्शी एवं अल्पविवेकी सरकार के गलत निर्णय के कारण जनआंदोलन प्रारंभ है. इससे प्रदेश में विकास कार्य बाधित हो रही है. इसका प्रभाव प्रदेश की जनता पर पड़ेगा. उन्होंने राज्यपाल से मांग करते हुए कहा कि लोकतंत्र के मंदिर की महत्ता एवं गरिमा और सामाजिक सदभावना को बनाये रखने के लिए झारखंड विधानसभा भवन में विशेष समुदाय को दिये गये नमाज कक्ष आवंटन को रद्द करने की मांग की.
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