Dumka : दुमका प्रखंड की मूड़भंगा पंचायत अंतर्गत सिदपहाड़ी गांव में पेयजल संकट जूझ रहा है. गांव की जनसंख्या करीब 1300 है, जिसमे संताल आदिवासी, मैरा, पाल, घटवाल, मुसलमान जाति के लोग निवास करते हैं. सभी टोला दूर- दूर में स्थित हैं. पूरे गांव में आधा से अधिक चापाकल कई महीनों और सालों से खराब हैं. गांव में कुल 14 चापाकल हैं, जिसमें से 6 चापाकल ठीक हैं और 8 खराब हैं. इस गांव के किसी भी टोला में सोलर टंकी नहीं है, जिससे ग्रामीणों में जनप्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी देखी जा रही है.
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- कुम्हार टोला : इस टोला की लगभग 400 जनसंख्या है. कुल 5 चापाकल हैं, जिसमे से तीन खराब हैं और दो ठीक हैं. पुरण पाल के घर के सामने का चापाकल तीन वर्षों से खराब है. अर्जुन देय के घर के सामने का चापाकल 8 महीने से खराब है. गोपाल चंद पाल के घर के सामने का चापाकल बहुत देर चलाने पर पानी निकलता है.
- मंझी टोला : यहां करीब 350 लोग रहते हैं. इस टोला में तीन चापाकल हैं, जिसमे से दो चापाकल खराब हैं. लाल हेम्ब्रम के घर के सामने का चापाकल एक वर्ष से खराब है. बुदिलाल सोरेन के घर के सामने का चापाकल तीन वर्ष से खराब हैं.
- मोयरा टोला : इस टोला की करीब 200 जनसंख्या है और दो चापाकल हैं, लेकिन दोनों ही चापाकल खराब हैं. कालाचंद दे के घर के सामने का चापाकल करीब 6 महीने से खराब है. काली मंदिर के सामने का चापाकल करीब दो वर्ष से खराब है.
- ठटना टोला : यहां करीब 250 की जनसंख्या है और तीन चापाकल हैं. सभी चापाकल चालू अवस्था में हैं.
ग्रामीण काफी नाराज और आक्रोशित
जन प्रतिनिधियों से इसकी शिकायत करने के बाद भी कोई समाधान नहीं होने पर सिदपहाड़ी गांव के ग्रामीण काफी नाराज और आक्रोशित हैं. ग्रामीणों ने सरकार, प्रशासन से मांग की है कि जल्द खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत करवायी जाए, नये चापाकल दिये जाये और सभी टोला में सोलर टंकी दिया जाये. इस संबंध में ग्रामीणों के कई बार शिकायत दर्ज करा चुके हैं. गांव में पेयजल संकट को लेकर सुनील सोरेन, फिरोज सोरेन, सुधीर सोरेन, रंजीत दे, रवि दे, गाजीराम दे, सुभाष दे, होलिका दे, अलोका दे, बोका सोरेन, हरिमोहन पाल, सुधीर पाल, गोपालचंद पाल, पवन पाल, निमाय पाल, एनाउल अंसारी, अनंत पाल, पुराण पाल, फुरकान अंसारी, सकीला बीबी, मदन दे, लाल हेम्ब्रम, मलोती सोरेन, आशा मुर्मू, अनिता टुडु, सुनामुनि मुर्मू के साथ काफी संख्या में ग्रामीण ने सरकार के प्रति आक्रोश वक्त किया है.
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