Anand Kumar, Bermo: बोकारो जिला के बेरमो अनुमंडल अंतर्गत गोमिया, पेटरवार, बेरमो सहित कई प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने में भारी अनियमितता बरती गई है. नतीजतन लाइट लगने के दो चार दिन बाद ही एलइडी बल्ब खराब होना शुरू हो गया. जबकि लाइट लगाने से पहले बेरमो अनुमंडल के मुखियाओं ने बड़े-बड़े दावे किए थे. लेकिन दावे कुछ ही दिनों में टाय-टाय-फिस्स हो गए. सड़कों पर लगी लाइट अब शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है.
दरअसल 19 मार्च 2019 को ग्रामीण विकास विभाग के पंचायती राज निदेशालय ने राज्य के सभी जिला पंचायती राज पदाधिकारी को एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के अन्तर्गत कार्यरत संयुक्त क्षेत्रीय इइएसएल से मनोनयन के आधार पर पंचायतों में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने का आदेश दिया था. लेकिन पंचायती राज पदाधिकारी, पंचायत सेवक एवं मुखिया ने उस निर्देश का पालन नहीं किया. लिहाजा नियमों के विपरीत घटिया किस्म की एलईडी स्ट्रीट लाइट लगायी गयी. जिसके कारण लाइट लगने के साथ ही एलइडी बल्ब खराब होना शुरू हो गया.
क्या था उद्देश्य
संविधान की 11वीं अनुसूची के आलोक में नागरिकों को मौलिक सुविधाएं उपलब्ध कराना पंचायतों का संवैधानिक दायित्व है. इस क्रम में पंचायत क्षेत्र के सड़कों पर सुरक्षित आवागमन एवं अपराध नियंत्रण के लिए पथ पर प्रकाश की व्यवस्था एक महत्वपूर्ण कार्य है. इसी उद्देश्य के आलोक में पंचायत के सभी सड़कों के किनारे एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाने का निर्णय लिया. पंचायत राज निदेशालय ने प्रत्येक पंचायत को एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए तीन लाख अठासी हजार तीन सौ दस रुपये उपलब्ध कराया, ताकि पंचायत की सड़कों पर अंधेरे नही रहे. लेकिन अभी भी गोमिया प्रखंड के सभी पंचायतों में एलईडी स्ट्रीट लाइट पूरी तरह नहीं लगायी गयी है. जिन पंचायतों में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है, उसमें आधे से अधिक खराब हो गयी है. कहा जाता है कि निदेशालय का आदेश था कि इइएसएल के माध्यम से ही लाईट लगाने का कार्य किया जाय, लेकिन पंचायत प्रतिनिधि इइएसएल के नियमों को ताक पर रखकर एलईडी स्ट्रीट लाईट लगायी, जिसका नतीजा पंचायत की जनता भुगत रही है.