Ranchi : राज अस्पताल रांची ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक नयी उपलब्धि हासिल कर झारखंड वासियों को स्वास्थ्य सेवा में स्टेमसेल थेरेपी के रुप में नयी सौगात दी है. स्टमसेल थरैपी रीजनरेटिव चिकित्सा का एक हिस्सा है और इसे उच्च तकनीकी उपचार माना जाता है. यह तकनीक अभी मुम्बई और दिल्ली जैसे महानगरों में ही उपलब्ध थी. लेकिन ऑटोलागस बोन मेरो सेल ट्रांसप्लांट के रुप में स्टेमसेल की सुविधा शुरू कर राज अस्पताल,रांची ने स्वास्थ्य सेवा में उत्कृष्टता का एक नया अध्याय जोड़ दिया है. शहर के कई प्रमुख संस्थानों में ऑटोलागस बोनमेरो सेल ट्रांसप्लांट डा. बीएस राजपूत के द्वारा किया गया, जो मुम्बई के एक प्रसिद्ध स्टेमसेल ट्रांसप्लांट सर्जन और रीजनरेटिव मेडिसीन के विजिटिंग प्रोफेसर हैं.
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11 वर्षों से स्वस्थ हैं दोनों लड़कें
डा. बीएस राजपूत डिस्ट्राफीसी से पीड़ित दो युवा लड़कों में यह प्रक्रिया की, जो मांसपेशियों के एक घातक अनुवांशिक रोग से पीड़ित हैं. जिसके कारण अधिकतर बच्चे 13 से 23 वर्ष की आयु के बीच ह्दय और फेफड़ों की विफलता के कारण मर जाते हैं. दोनों लड़के बिहार के हैं और 2010 से डा. राजपूत के द्वारा उनकी स्टेमसेल थेरेपी की जा रही है. गौर करने की बात यह है कि पिछले 11 वर्षों से उनकी बिल्कुल ठीक है. यह थेरेपी बहुत सारी बीमारियों के निदान में सहायक होती है. डा. राजपूत महीने में एक बार राज अस्पताल रांची में मरीजों को देखेंगे और स्टेमसेल थेरेपी की प्रक्रिया से उनका इलाज होगा.