Ranchi : हरमू नदी के आसपास से अतिक्रमण हटाओ अभियान का सोमवार को स्थानीय लोगों ने विरोध किया. इस अवसर पर रांची के विधायक सीपी सिंह, लेबर यूनियन के ललित ओझा और नदी के पास तीन वार्डों के पार्षद भी मौजूद रहे. सभी ने केवल हरमू नदी के पास के अतिक्रमण हटाओ अभियान का ही नहीं, बल्कि हाईकोर्ट, सरकार, नगर निगम और जिला प्रशासन से इस मामले में विचार करने की मांग रखी.
स्थानीय लोगों का कहना है कि 2009-10 में हरमू नदी से अतिक्रमण हटाया गया था. इसके बाद इसका सुंदरीकरण किया गया और फिर हमें यहां बसने के लिए इजाजत दी गई. पिछले 40-50 साल से इस जगह पर बसने के बाद अब सरकार हमें हटा रही है, ऐसे में हम कहां जाएंगे. हमारे घरों का नक्शा नहीं है, तो सरकार हमसे जो फाइन लेना चाहती है, ले सकती है, जेल भेजना चाहती है, तो भेज दे. पर हमें हटाने से हमारे बच्चे और परिवार कहां जाएंगे. इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों का कहा कि पहले इन गरीबों के पुनर्वासन की व्यवस्था होनी चाहिए, तब इन्हें उजाड़ा जाये. इस अवसर पर उन्होंने लोगों से कहा कि इस मामले में आपको हमारा समर्थन है.
इसे भी पढ़ें- हाईकोर्ट ने धुर्वा में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान मामले में नगड़ी सीओ के आदेश को किया निरस्त
उजाड़ने से पहले सरकार को इनको बसाने की व्यवस्था करनी चाहिए – सीपी सिंह
इस अवसर पर स्थानीय लोगों को अपना समर्थन देते हुए विधायक सीपी सिंह ने कहा कि सरकार गरीबों पर जुल्म क्यों कर रही है. मेरा मानना है कि उजाड़ने से पहले इन्हें बसाना चाहिए. हर जीव का महत्व है. किसी का आशियाना उखाड़ना अच्छा नहीं होता. उन्होंने निगम से कहा कि इन्होंने नदी या तट पर घर नहीं बनाया. उससे हटकर बनाया है. इनको उजाड़ने का फायदा नहीं है. ये गरीब हैं, कोई अशोक नगर और हरमू कॉलनी में रहने वाले लोग नहीं. अगर इनके पास उतना संसाधन होता तो ये भी वहीं रहते.
इसे भी पढ़ें- रूपा तिर्की मौत मामला: जांच आयोग पहुंची साहिबगंज,जांच शुरू
नक्शा नहीं होने का जो भी फाइन सरकार लेगी, हम चुकाने को तैयार
अतिक्रमण का विरोध कर रहे उमाशंकर ने कहा कि 2009-10 में हमसे कहा गया था कि अब इसके आस-पास घर बनाया जा सकता है. अब फिर से हमें हटाया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि हमारी जमीन ग्रीन लैंड है. घरों का नक्शा दिखाओ, तब नहीं हटाएंगे. हमारे पास नक्शा नहीं है पर घर के सारे कागज हैं. जिस तरह हमारे होल्डिंग टैक्स, बिजली और पानी बिल की व्यवस्था की गई, हमारा नक्शा भी बनवाया जाए. जो फाइन या दंड नक्शा नहीं होने पर देना होगा, हम उसे भी चुका देंगे, पर हमें हटाया नहीं जाना चाहिए.