Purnia: पूर्णिया की रुपौली विधानसभा सीट पर निर्दयली प्रत्याशी शंकर सिंह ने धमाकेदार जीत दर्ज की. उन्होंने जदयू के कलाधर मंडल को 8 हजार 211 मतों से पराजित कर दिया. इसके साथ ही पांच बार की विधायक बीमा भारती की भी शिकस्त दे दी. नीतीश कुमार के आशीर्वाद पर चुनाव लड़ रहे कलाधर मंडल दूसरे स्थान पर रहे. शंकर सिंह को कुल 67779 वोट मिले जबकि कलाधर मंडल को 59568 मत हासिल हुए. तीसरे स्थान पर रहीं बीमा भारती को मात्र 30108 मत मिले. पूर्णिया लोकसभा की तरह रुपौली विधानसभा में जनता ने निर्दलीय को जिताकर सभी दलों को पीछे छोड़ दिया.
बता दें कि 10 जुलाई को रुपौली सीट पर विधानसभा उपचुनाव हुआ था. यह सीट बीमा भारती के इस्तीफे से खाली हुई थी. वह 2005 से इस सीट पर काबिज थीं. उन्होंने पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए रुपौली विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया तथा राजद के टिकट पर पप्पू यादव और जेडीयू के संतोष कुशवाहा के खिलाफ मैदान में उतरी थीं. लेकिन वहां हार का सामना करना पड़ा था. लोकसभा चुनाव में निर्दलीय पप्पू यादव ने जीत दर्ज किया था. बीमा भारती जमानत बचाने में भी कामयाब नहीं हुईं थीं. रुपौली सीट पर निर्दलीय उतरे शंकर सिंह ने 2020 में भी भाग्य आजमाया था. तब उन्हें चिराग पासवान नें लोजपा से टिकट दिया था. लेकिन जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं बीमा भारती ने उन्हें हरा दिया था.
शंकर सिंह 2005 में भी विधायक बने थे
उससे पहले भी शंकर सिंह कई बार चुनाव लड़े. कहा जा रहा है कि उपचुनाव में लोजपा का टिकट नहीं मिलने पर उनके साथ क्षेत्र के जनता की सहानुभुति जुड़ गई. शंकर सिंह 2005 में भी विधायक बने थे. लेकिन करीब आठ महीने बाद फिर से चुनाव हुए जिसमें उनकी हार हो गई. बीमा भारती ने उन्हें पराजित कर दिया था और तब से बीमा लगातार विधायक बनी हुई थीं और शंकर सिंह चुनाव लड़ते रहे थे. विधायक बनने के बाद शंकर सिंह ने कहा कि कई चुनावों में हार का सामना करने के बाद भी लगातार जनता के बीच बना रहा. बगैर किसी शिकायत के जनता भगवान के सुख दुख में शामिल होता रहा. उन्होंने कहा कि शुरू से ही उन्हें अपनी जीत की उम्मीद थी जिसे जनता ने पूरा कर दिया. भविष्य की योजना को लेकर उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता के साथ विचार विमर्श करके रणनीति तय करेंगे.
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