NewDelhi : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को कहा कि इस्लाम के मूल सहिष्णु एवं उदारवादी सिद्धांतों के बारे में लोगों को शिक्षित करने तथा प्रगतिशील विचारों से कट्टरपंथ का मुकाबला करने में उलेमा की महत्वपूर्ण भूमिका है. भारत और इंडोनेशिया में अंतर-धार्मिक शांति एवं सामाजिक सौहार्द की संस्कृति को आगे बढ़ाने में उलेमा की भूमिका विषयर एक सत्र को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा, हमें कट्टरता से दूर होने के साझे विचारों को मजबूत बनाने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है.

India, Indonesia both home to world’s largest Islamic populations, says NSA Ajit Doval
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— ANI Digital (@ani_digital) November 29, 2022
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इंडोनेशिया के मंत्री मोहम्मद महफूद भारत की यात्रा पर हैं
बता दें कि इंडोनेशिया के राजनीतिक, कानूनी एवं सुरक्षा मामलों के समन्वय मंत्री मोहम्मद महफूद सोमवार से भारत की यात्रा पर हैं. उनके साथ 24 सदस्यीय एक शिष्टमंडल भी आया है, जिसमें उलेमा के अलावा अन्य धार्मिक नेता भी शामिल हैं. इंडिया इस्लामिक सेंटर में इंडोनेशिया से आये शिष्टमंडल ने यहां भारतीय समकक्षों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की. डोभाल ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा कि चरमपंथ और आतंकवाद इस्लाम के अर्थ के खिलाफ है, क्योंकि इस्लाम का मतलब शांति और सलामती होता है.
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सीमापार से आईएसआईएस प्रेरित आतंकवाद खतरा बना हुआ है
उन्होंने कहा, लोकतंत्र में नफरती भाषण, पूर्वाग्रह, दुष्प्रचार, हिंसा, संघर्ष और तुच्छ कारणों से धर्म के दुरुपयोग के लिए कोई स्थान नहीं है. उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि भारत और इंडोनेशिया आतंकवाद और अलगाववाद से पीड़ित रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां इन चुनौतियों से काफी हद तक निपटा गया है, वहीं सीमापार से आईएसआईएस प्रेरित आतंकवाद खतरा बना हुआ है. डोभाल ने कहा, आईएसआईएस प्रेरित व्यक्तिगत आतंकी प्रकोष्ठ के खतरों का मुकाबला करने के लिए नागरिक संस्थाओं का सहयोग जरूरी है.

