Ranchi : इंडियन एसोसिएशन ऑफ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोसर्जन (आईएजीईएस) के द्वारा 12 से 14 अगस्त तक रिम्स में तीन दिवसीय फैलोशिप कोर्स (एफआईएजीईएस) का आयोजन किया जा रहा है. शुक्रवार को पहले दिन पांच सत्रों में इस फेलोशिप कोर्स वर्कशॉप में देश भर से आए चिकित्सकों ने अपना व्यख्यान दिया. रिम्स समेत विभिन्न राज्यों से इस सम्मेलन में शामिल 75 से ज्यादा फेलोज और 100 से ज्यादा चिकित्सकों को लेप्रोस्कोपी व एंडोस्कोपी की तकनीक की जानकारी दी है. उन्हें अगल-अलग टॉपिक पर चर्चा कर बताया गया कि सर्जरी के दौरान किस तकनीक का इस्तेमाल कैसे करना है. इसमें कोयम्बटूर से डॉ. एलपी थांगावेलु (आईएजीईएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष), मुंबई से डॉ. अभय दलवी, डॉ. रमेश अग्रवाल, डॉ. सायनदेव दास गुप्ता, कोलकाता के डॉ. एसपी देसरकार, ग्वालियर से डॉ. अचल गुप्ता, भुवनेश्वर से डॉ. सीआर दास व डॉ. माधुरी पटनायक समेत अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल हुए. इस पाठ्यक्रम में लेप्रोस्कोपी में प्रयोग करने वाले उपकरणों और लेप्रोस्कोपी से गोलब्लाडर, अपेंडिक्स, हर्निया, पैनक्रियाज, लीवर, मोटापा आदि की सर्जरी, रोबोटिक सर्जरी इकी जानकारी व विषयों पर चर्चा की गई.
1989 में भारत में शुरू हुआ लेप्रोस्कोपी सर्जरी
मुंबई से आए लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. अभय दलवी ने बताया कि लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की शुरूआत भारत में 1989 में हुई. इस विषय में चिकित्सकों को जानकारी देने और इससे जुटे फेलोशिप काेर्स शुरू करने के लिए 1993 में एसोसिएशन का गठन किया गया. इसके बाद 3 दिवसीय फेलोशिप कोर्स की शुरूआत की गई, ताकि इलाज से संबंधित ट्रेनिंग चिकित्सकों को दी जा सके.
देश के कई हिस्सों से विशेषज्ञ चिकित्सक हुए शामिल
रिम्स के डॉ. निशिथ एक्का ने बताया कि इस तीन दिवसीय कोर्स में राज्य से ही नही बल्कि देश के कई राज्यों से विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल हुए. फेलोशिप कोर्स के बाद इसके आधार पर प्रैक्टिकल एग्जाम भी अंतिम दिन लिया जाता है. जिसके बाद चिकित्सकों को डिग्री प्रदान की जाती है. इसमें तीन दिनों में 150 से ज्यादा चिकित्सक शामिल होने वाले हैं. इस फेलोशिप कोर्स सह वर्कशॉप का विधिवत उद्घाटन शनिवार को एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एलपी थांगावेलु और रिम्स निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद द्वारा किया जाएगा.
ये हैं आयोजन समिति में शामिल
आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक रिम्स निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद हैं. संरक्षक डॉ. एम आलम, डॉ. बीके जैन, डाॅ. एसएस नारनोली, डॉ. एसएन चौधरी, डॉ. आरपी श्रीवास्तव, चेयरमैन डॉ. शीतल मलुवा, सचिव डॉ. आरआर सिन्हा, कोषाध्यक्ष डॉ. एमपी सिंह, संयाेजक डॉ. सतीश मिढ़ा और सह-संयोजक डॉ. सुनील कुमार हैं.
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