Bismay Alankar
Hazaribagh: देश मे जीन आधारित चिकित्सा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर शोध और आंकड़े पर व्यापक तरीके से कार्य किये जा रहे हैं. देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय विभाग ने पूरे देश में जीनोम इंडिया परियोजना चला रखा है. इस परियोजना के तहत देश की आनुवांशिक विविधता का पता लगाने के लिए देश के विभिन्न समूहों के रक्त का नमूना लिया जा रहा है.
देश में चलाए जा रहे जीनोम इंडिया परियोजना के प्रथम चरण में देश के 10000 लोगों को आनुवांशिक मानचित्रण के लिए चुना जाना है. इस परियोजना की शुरुआत 2019 में हुई थी. हज़ारीबाग़ के लिए गौरव करने वाली बात है कि इस अनुसंधान में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ गंगानाथ झा कोलेबेटर हैं. ऐसे में झारखंड समेत हजारीबाग से भी रक्त नमूना लेने की बात भी कही जा रही है. बताया जाता है कि जीन आधारित चिकित्सा सटीक और सस्ती होती है. इसलिए इस पर जोर दिया जा रहा है. असल मे हमारी कोशिकाओं के भीतर आनुवांशिक पदार्थ होता है. जिसे DNA और RNA कहा जाता है. इन सभी पदार्थों को सामूहिक रूप से जीनोम कहा जाता है. हाल ही में विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय ने एक परियोजना के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग को भारत के 10000 लोगों के जीनोम की सिक्वेंसिंग यानी अनुक्रमण किए जाने की योजना को मंजूरी दी है.
भारत में पहली बार इतने बड़े स्तर पर जीनोम के अध्ययन के लिए खून का नमूना एकत्रित किया जा रहा है. हजारीबाग समेत झारखंड से भी नमूने एकत्रित किए गए हैं. इसके लिए जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. इनमें उन्हीं लोगों का रक्त का नमूना लिया जा रहा है, जो लोग अलग-अलग अंत: विवाह समूह से आते हैं. खासकर यह ध्यान रखा जा रहा है कि अंत: विवाहित समूह के लोग आपस में रक्त संबंधी ना हो. जीनोम इंडिया परियोजना के लिए पॉपुलेशन का चुनाव और पहचान के लिए विनोबा भावे विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान के प्रोफेसर डॉ गंगानाथ झा हैं. जीनोम इंडिया प्रयोजना का कार्य मुख्य रूप से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु के CVR और CSIR के IGIBG के नेतृत्व में हो रहा है. जबकि जनसंख्या आंकड़ा डॉक्टर झा के नेतृत्व में एकत्रित किया जा रहा है.
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बीमारी का सटीक इलाज खोजा जा सकता है
देश मे चलाये जा रहे इस व्यापक जीन संग्रह से चिकित्सा विज्ञान में नई संभावनाओं के दरवाजे खुलेंगे. बीमारियों को बेहतर ढंग से समझने, दवाओं के शरीर पर प्रभाव की सटीक भविष्यवाणी, फॉरेंसिक विज्ञान में उन्नति और मानव विकास को समझने में मदद मिलेगी. इससे यह भी पता चलेगा कि हमारे देश के लोग अन्य देश के लोगों से किस प्रकार भिन्न हैं. यदि उनमें कुछ समानता है तो वह क्या है. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि बीमारी का पता ससमय रहते लगाया जा सकता है. उसका सटीक इलाज भी खोजा जा सकता है. जीनोम इंडिया परियोजना वर्तमान समय में सबसे बड़ी वैज्ञानिक परियोजना में से एक है. इसका लक्ष्य किसी प्राणी के संपूर्ण जीनोम अनुक्रम का पता करना है.
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