New Delhi : अफगानिस्तान पर तालिबानियों के कब्जे से उपजी चिंताओं से भारत अभी मुक्त भी नहीं हो पाया है कि चीन ने नये सीमा कानून बनाकर भारत की चिंता को और बढ़ा दिया है. चीन ने भारत के साथ बढ़ते भूमि विवाद के बीच नया सीमा कानून पारित किया है. यह कानून पहली जनवरी से प्रभावी होगा. चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) की स्थायी समिति के सदस्यों ने शनिवार को इस कानून को मंजूरी दी. सामरिक विशेषज्ञ इसका असर भारत-चीन सीमा विवाद पर पड़ने का अंदेशा जता रहे हैं.
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सीमावर्ती इलाकों में आम लोगों को बसाने की तैयारी
चीन के इस नये सीमा कानून के बारे में कहा जा रहा है कि इस कानून का मकसद सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और अन्य विकास कार्यों को प्रोत्साहित करते हुए देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा पर जोर देना है. चौतरफा दबाव बढ़ाने की रणनीति के तहत चीन ने जहां हाल में भूटान के साथ आपसी सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, वहीं पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश में उसकी बढ़ती सक्रियता भी सरकार की चिंता बढ़ा रही है. नये कानून के तहत चीन के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाएगी. इन इलाकों में आर्थिक, सामाजिक विकास के साथ बुनियादी ढांचे को भी विकसित किया जाएगा. इस कानून के तहत चीन सीमावर्ती इलाकों में अपनी दखल बढ़ाने के प्रयासों के तहत वहां आम लोगों को बसाने की तैयारी कर रहा है. वैसी स्थिति किसी भी दूसरे देश के लिए इन इलाकों में सैन्य कार्रवाई और मुश्किल हो जाएगी.