LagatarDesk: इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था काफी खराब रही. लॉकडाउन के कारण देश की इकोनॉमिक एक्टिविटी थम सी गई थी, लेकिन इस बीच कई ऐसे तथ्य सामने आये हैं जो ये बता रहा है कि अक्टूबर की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है. ये आंकड़े पिछले वर्ष अक्टूबर की तुलना में काफी बेहतर है.
बिजली की खपत में बढ़ोतरी
देश में बिजली की खपत में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल अक्टूबर में बिजली की खपत 97.84 अरब यूनिट थी जो इस साल 110.94 अरब यूनिट हो गई है,जो पिछले साल अक्टूबर की तुलना में 14% अधिक है.औद्योगिक और वाणिज्यिक की ओर से बिजली की मांग बढ़ने के कारण बिजली की खपत में बढ़ोतरी हुई है.
कई महीनों के बाद इकॉनमी के मोर्चे पर लगातार अब अच्छी खबरें आने लगी हैं। कोरोना से जुड़े लॉकडाउन से देश में इकनॉमिक एक्टिविटीज थम गई थीं। लेकिन अब कई सेक्टरों में कोरोना संकट से पहले जैसी तेजी देखने को मिल रही है। इस बीच कई आंकड़े सामने आए हैं, जो बता रहे हैं कि अक्टूबर में इकॉनमी की स्थिति बेहतर हुई है। ये आंकड़े पिछले साल के अक्टूबर के मुकाबले भी बेहतर दिख रहे हैं।
बिजली खपत में बढ़ोतरी
देश में बिजली की खपत में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में बिजली की खपत 110.94 अरब यूनिट रही। पिछले साल के अक्टूबर की तुलना में 13.38 फीसदी अधिक है। पिछले साल अक्टूबर में यह आंकड़ा 97.84 अरब यूनिट था। इसकी बड़ी वजह औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों की ओर से बिजली की मांग बढ़ना है।
यात्री वाहनों की मांग में तेजी
कोरोना संकट के बीच अब लोग खर्च कर रहे हैं, लगातार ऑटो कंपनियां बेहतर नतीजे पेश कर रही हैं। अक्टूबर में वाहनों की बिक्री में भारी इजाफा हुआ है। खासकर पैसेंजर गाड़ियों की मांग में काफी तेजी देखी जा रही है। सोशल डिस्टेंसिंग के कारण लोग निजी वाहनों को तरजीह दे रहे हैं। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी ने अक्टूबर में कुल 1,82,448 वाहन बेचे, जो पिछले साल के अक्टूबर के मुकाबले 19 फीसदी और पिछले महीने के मुकाबले करीब 20 फीसदी ज्यादा है। वहीं दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी हुंडई मोटर्स ने अक्टूबर-2020 में कुल 68,835 गाड़ियां बेचीं, जबकि अक्टूबर- 2019 में कंपनी ने कुल 63,610 यूनिट्स की बिक्री की थी। हुंडई और हीरो मोटो ने अक्टूबर में डीलरों को रेकॉर्ड गाड़ियां बेचीं।
विनिर्माण गतिविधियों में एक दशक में सबसे तेज वृद्धि
आईएचएस मार्किट के हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक अक्टूबर में देश की विनिर्माण गतिविधियों में अक्टूबर, 2007 के बाद सबसे तेज गति से वृद्धि देखने को मिली। आईएचएस मार्किट के मुताबिक अक्टूबर में भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 58.9 पर पहुंच गया, जो इससे पिछले महीने यानी सितंबर में 56.8 पर रहा था।
यूपीआई आधारित पेमेंट 15 फीसदी बढ़ा
इस बीच Unified Payments Interface (UPI) आधारित पेमेंट अक्टूबर में 15 फीसदी की बढ़ा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान 2.07 अरब लेनदेन हुए। नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक सितंबर में यूपीआई ट्राजैक्शन की वैल्यू 3.29 लाख करोड़ रुपये थी जो अक्टूबर में बढ़कर 3.86 लाख करोड़ रुपये हो गई। मार्च और अप्रैल में इसमें भारी गिरावट आई थी लेकिन इसके बाद इसमें लगातार तेजी आ रही है। अक्टूबर में यह रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
पेट्रोल और डीजल की मांग कोविड से पहले के स्तर पर
देश में पेट्रोल और डीजल की मांग कोविड से पहले के स्तर पर पहुंच गई है और अक्टूबर में इन उत्पादों की बिक्री 6.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ। उद्योग के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए मार्च के अंत में लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से यह डीजल की बिक्री में पहली वार्षिक बढ़ोतरी है। इसी तरह सार्वजनिक परिवहन की जगह निजी गाड़ियों के इस्तेमाल को तरजीह देने के चलते पेट्रोल की मांग डीजल की अपेक्षा अधिक रही, लेकिन अक्टूबर के बिक्री आंकड़े अप्रत्याशित रूप से उम्मीद से बेहतर हैं। उद्योग के आंकड़ों के मुताबिक त्योहारी मौसम के शुरू होते ही डीजल की मांग सामान्य स्तर पर आ गई। आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में डीजल की बिक्री बढ़कर 61.7 लाख टन हो गई, जो एक साल पहले अक्टूबर में 57.9 लाख टन थी