LagatarDesk : कोरोना महामारी से आम जनता पहले से ही परेशान है. करोड़ों लोग बेरोजगार हो गये हैं. वहीं दूसरी ओर महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है. बढ़ती कीमतों ने आम लोगों की थाली का स्वाद बिगाड़ दिया है. दाल, तेल, पेट्रोल-डीजल समेत सभी चीजें महंगी हो गयी हैं. पहले लोग चावल-दाल खाकर भी काम चला लेते थे. लेकिन अब तो दाल की कीमत इतनी बढ़ गयी है कि उसे भी खाने के लिए लोगों को सोचना पड़ रहा है.
महंगाई के साथ बेरोजगारी भी टॉप पर
मई महीने में थोक महंगाई दर 12.94 फीसदी की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गयी. वहीं खुदरा महंगाई दर भी 6.3 फीसदी पर पहुंच गयी है. देश में बेरोजगारी की बात करें तो मई में बेरोजगारी दर करीब 12 फीसदी पर पहुंच गयी. यानी मई महीने में करीब 1 करोड़ भारतीयों ने अपनी नौकरी गंवाई या रोजगार से हाथ धो बैठे.
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खाद्य पदार्थ की कीमतों में हुई भारी वृद्धि
मई महीने में पेट्रोल-डीजल से लेकर बिजली भी महंगी हो गया है. मई में यह करीब 37.61 फीसदी पर पहुंच गयी. खाद्य पदार्थ की कीमतों में भी भारी वृद्धि हुई है. मई में खाद्य महंगाई दर 5.01 फीसदी हो रही. जो अप्रैल में 2.02 फीसदी थी.
अप्रैल की तुलना में खाद्य तेलों के दाम 31 फीसदी बढ़े
मई में खाद्य तेल की कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि हुई. एक महीने में तेल की कीमतों में करीब 31 फीसदी का इजाफा हुआ है. सालाना आधार पर खाद्य तेल के दाम 50 फीसदी बढ़े हैं.
तेल | दाम 2020 (रु) | दाम 2021 (रु) |
वनस्पति | 82 | 124 |
सोयाबीन | 97 | 142 |
मूंगफली | 143 | 173 |
सरसों | 120 | 170-200 |
रिफाइंड | 120 | 160 |
दाल के दाम भी करीब 20 फीसदी बढ़े
खाद्य एवं उपभोक्ता मामले विभाग, भारत सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार दाल की कीमतों में सालाना आधार पर 10 से 20 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.
दालों के नाम | दाम 2020 (रु) | दाम 2021 (रु) |
मसूर | 70 | 82 |
चना | 68 | 78 |
अरहर | 92 | 107 |
उड़द | 94 | 103 |
7 साल में पेट्रोल पर 200 फीसदी बढ़ी ड्यूटी
पेट्रोल-डीजल के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है. 4 मई से अबतक 24 बार इसके दाम बढ़े हैं. पेट्रोल 6.01 और डीजल 6.55 रुपये महंगा हो गया है. आपको बता दें कि पेट्रोल-डीजल में एक्साइज ड्यूटी और अन्य टैक्स लगाकर इसकी कीमतें दोगुनी हो जाती है. 2014 में 1 लीटर पेट्रोल में 10.38 रुपये एक्साइज ड्यूटी लगती थी. जो 2021 में बढ़कर 32.90 पैसे हो गयी है. 7 सालों में एक्साइज ड्यूटी में 200 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. डीजल की बात करें, तो 2014 में इसमें एक्साइज ड्यूटी 4.58 फीसदी लगती थी. जो 2021 में बढ़कर 31.80 पैसे हो गयी. यानी 7 सालों में टैक्स में 600 फीसदी की वृद्धि हुई है.