Ranchi : विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सह अर्थशास्त्री डॉ. रमेश शरण ने कहा कि आम बजट अर्थव्यवस्था को मजबूती और गति देने के लिए नहीं, बल्कि चुनाव को ध्यान में रखकर लाया गया है, जिसकी संभावना पहले से ही व्यक्त की जा रही थी. किसी भी देश के विकास में वित्तीय प्रबंधन एक कुशल उपाय हो सकते हैं. इस बजट में उद्योग, व्यापार जगत और उद्यमियों को प्रोत्साहित करने की योजनाएं जैसे अनुदान कर में छूट, कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन करने की बात कही गयी है. आम बजट में इनकम टैक्स स्लैब को बढ़ाकर नौकरीपेशा लोगों को राहत देने का काम किया गया. जबकि सरकार ने पेट्रोल-डीजल और आटा पर जीएसटी की दरें कम नहीं की है, जिससे आम लोगों को इस बजट से कोई राहत नहीं मिलेगी. बजट में महंगाई को कोई गंभीर विषय नहीं माना गया है. इसलिए महंगाई को कम करने के लिए बजट में कोई प्रावधान भी नहीं किया गया.

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सरकार का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जोर
सरकार ने बजट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कृषि सेक्टर में निवेश पर जोर दिया है. आम बजट पेश होते ही शेयर बाजार में सुबह से ही उछाल देखा जा रहा है, जिसकी वजह कैपिटल गेन पर टैक्स नहीं बढ़ाया गया है. बजट में आसान हाउसिंग स्कीम पर जोर दिया गया है. आसान हाउसिंग स्कीम के लिए 79,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. बजट में इस योजना के आवंटन को बढ़ाकर अब 66% कर दिया गया है. महिलाओं के लिए नई बचत योजना, महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू की गई है. इसमें महिलाओं को बचत पर अच्छा ब्याज मिलेगा.नई बचत योजना का नाम महिला सम्मान बचत पत्र योजना रखा गया है. इसमें महिलाओं को 2 लाख रुपए की बचत पर 7.5 फीसद ब्याज मिलेगा.
झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों के लिए बजट में कुछ खास नहीं
झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों के लिए इस बजट में कुछ खास नहीं है. आर्थिक रूप से पिछड़े राज्यों को आम बजट में मदद की उम्मीद थी, लेकिन कुछ नहीं मिला. रेलवे बजट को बस एक लाइन में ही समाप्त कर दिया गया. अब रेल बजट से यह नहीं पता चलता है कि कितनी ट्रेन चलेंगी. इस बजट का निजीकरण पर जोर है. निजी क्षेत्रों के लिए अनुकूल है यह बजट.

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