Pakur : 2007 में प्रस्तावित पोखरिया बाइपास सड़क बनाने की पहल एक बार फिर से शुरू हो गयी है. इसे लेकर जिले के महेशपुर प्रखंड के पोखरिया पंचायत भवन में गुरुवार को अंचल निरीक्षक देवकांत सिंह ने मुखिया सुरोधनी मुर्मू, बीजीआर कोल कंपनी के अधिकारी तथा बाइपास सड़क बनने में अधिग्रहित जमीन के रैयतों तथा ग्रामीणों के साथ बैठक की.
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कुल 19 जमाबंदी लोगों की जमीन अधिग्रहित की गई है
अंचल निरीक्षक ने बताया कि वर्ष 2007 में प्रस्तावित पोखरिया बाइपास सड़क बनने में कुल 19 जमाबंदी लोगों की जमीन अधिग्रहित की गई है. कुल 6.5 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हुआ है. इसमें 17 रैयतों को मुआवजा की राशि दी जा चुकी है. सिर्फ दो लोगों की मुआवजा राशि बाकी है. पथ प्रमंडल विभाग की ओर से डब्ल्यूबीपीडीसीएल को सड़क दुर्घटना को ध्यान में रखते हुए पोखरिया बाइपास सड़क बनाने के लिए एनओसी दिया गया है. बीजीआर कोल कंपनी बाइपास सड़क बनाएगी. इस संबंध में सीमांकन का कार्य पहले किया जा चुका है. पुन: सोमवार से सीमांकन का कार्य होगा.
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फसल पर भी कोयले के डस्ट का प्रभाव पड़ेगा
ग्रामीणों ने कहा कि सड़क तो बनेगी, पर सड़क के किनारे पड़ने वाले अन्य लोगों की जमीन पर होने वाले फसल पर भी कोयले के डस्ट का प्रभाव पड़ेगा. उस संबंध में क्या किया जाएगा. इस पर अंचल निरीक्षक ने बताया कि वैसे लोग जिनकी जमीन सड़क किनारे पड़ रही है. उनकी सूची बनाकर दीजिए. सूची पर उचित कार्रवाई के लिए वरीय अधिकारी को भेजा जाएगा. रैयतों ने कहा कि जिस वक्त उनकी भूमि अधिग्रहण की गई थी. उस वक्त मुआवजे की राशि कम थी. बीजीआर कोल कंपनी से जुड़े लोगों ने बताया कि कंपनी ऐसे रैयतों को प्रति एकड़ अतिरिक्त एक लाख रुपये देने का कार्य करेगी.
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