Ranchi: राज्य में नशीला पदार्थ प्लांट करके निर्दोष लोगों को जेल भेजा जा रहा है. मामला उजागर होने के बाद इसकी जांच झारखंड पुलिस की जांच एजेंसी सीआईडी को दी गई. लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी किसी भी मामले की जांच पूरी नहीं हो पाई है. गौरतलब है कि हाल के महीनों में राज्य के रामगढ़, हजारीबाग और धनबाद जिले से ऐसे मामले सामने आए हैं. जिनमें गांजा और अफीम गलत तरीके से प्लांट करके निर्दोष लोगों को जेल भेजा गया. इन सभी मामलों को सीआईडी द्वारा टेकओवर कर जांच की जा रही है.
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आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश मिश्रा को अफीम प्लांट कर फंसाने की साजिश
हजारीबाग जिले के आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश मिश्रा को बीते तीन मार्च 2021 को हजारीबाग के लोहसिंघिया थाना की पुलिस ने अफीम के साथ पकड़े जाने के बाद जेल भेजा था. पुलिसिया जांच में यह बात सामने आई थी कि भू-माफियाओं और जिला प्रशासन के कर्मियों की मिलीभगत से राजेश मिश्रा को फंसाया गया था. जांच के बाद हजारीबाग पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया था. 21 मार्च को राजेश मिश्रा की जेल से रिहाई हुई थी. आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश मिश्रा को अफीम प्लांट कर फंसाने की साजिश मामले को 11 मई 2021 को सीआईडी ने टेकओवर किया था, जिसकी जांच चल रही है. लेकिन इस मामले की जांच अबतक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है.
सूचना अधिकार कार्यकर्ता प्रमोद कुमार सिंह को कथित फर्जी केस में फंसाने की साजिश
रामगढ़ के भुरकुंडा थाना क्षेत्र निवासी आरटीआई कार्यकर्ता प्रमोद कुमार सिंह को सब इंस्पेक्टर रघुनाथ सिंह द्वारा एनडीपीएस के केस में जेल भेजा गया था. आरटीआइ कार्यकर्ता का आरोप है कि रामगढ़ पुलिस की गतिविधियों के खिलाफ व कोयला तस्करी को लेकर वह लगातार आवाज उठाते रहे थे, ऐसे में साजिशन पुलिस ने फर्जी तरीके से एनडीपीएस के केस में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. 6 अप्रैल 2020 को प्रमोद कुमार सिंह को पुलिस ने जेल भेजा था. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय ने पूरे मामले में सीआईडी जांच के आदेश दिए थे. सीआईडी के डीआईजी देवेंद्र ठाकुर को पहले इस मामले के अनुसंधान की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उनकी सेवानिवृत्ति के बाद दूसरे पदाधिकारी को जांच का जिम्मा दिया गया. सीआईडी के डीआईजी स्तर के अधिकारी ने पूरे मामले की प्रारंभिक जांच की थी. जांच में ये बात सामने आई है कि पुलिस ने जेल भेजने में गड़बड़ी की है. महीनों बीत जाने के बाद भी सीआईडी जांच पूरी नहीं हो पाई है.
इसीएल कर्मी को गांजा तस्कर बताकर जेल भेजने का मामला
धनबाद में इसीएल कर्मी को चिरंजीत घोष गांजा तस्कर बताकर जेल भेजने के मामले की सीआइडी जांच कर रही है. इस मामले में सीआइडी ने पिछले साल पश्चिम बंगाल के कोयला तस्कर राजीव राय सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. और इन चारों के खिलाफ सीआइडी चार्जशीट भी दायर कर चुकी है. हालांकि इस मामले की जांच अब तक पूरी नहीं हो पायी है.
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