Saurav Singh
Ranchi : हाल के महीने में पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर सीआईडी ने कई मामलों को टेकओवर कर उसकी जांच शुरू कर दी है. इन मामलों में कई चर्चित ऐसे मामले हैं, जिसकी जांच से कई IPS अधिकारियों की परेशानी बढ़ सकती है और विभागीय कार्रवाई भी हो सकती है. जानिए कुछ ऐसे मामले जिसकी जांच के दौरान कई पुलिस अधिकारियों की परेशानी बढ़ सकती है.
ईसीएल कर्मी को गांजा तस्कर बताकर जेल भेजने मामले में कौशल किशोर की बढ़ सकती है परेशानी
धनबाद में ईसीएल कर्मी को गांजा तस्कर बताकर जेल भेजने के मामले की जांच लगभग पूरी हो चुकी है. इस मामले में सीआईडी ने पश्चिम बंगाल के कोयला तस्कर राजीव राय सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. इन चारों के खिलाफ सीआईडी ने चार्जशीट भी दायर कर चुकी है.
बहुचर्चित निरसा गांजा बरामदगी केस में सीआईडी के एडीजी अनिल पाल्टा ने धनबाद के पूर्व एसएसपी किशोर कौशल से पूछताछ की थी. एडीजी अनिल पाल्टा ने कौशल से करीब एक घंटे तक पूछताछ की थी. पूर्व एसएसपी कौशल किशोर ने जो बयान दिया है. उसकी सत्यता की जांच की जा रही है. ऐसे में अगर कौशल किशोर का बयान गलत पाया जाता है तो, आने वाले दिनों में इस मामले में धनबाद के पूर्व एसएसपी कौशल की परेशानी बढ़ सकती है.
आईपीएस शैलेंद्र वर्णवाल पर की गई कार्रवाई की अनुशंसा
एनडीपीएस के एक केस में फर्जी तरीके से ईसीएल कर्मी चिरंजित घोष को फंसाने के मामले में सीआईडी की जांच में गुड्डा के तत्कालीन एसपी शैलेंद्र वर्णवाल की भूमिका सामने आई है. वे वर्तमान में एसटीएफ के एसपी हैं. जांच रिपोर्ट के बाद सीआईडी एडीजी अनिल पालटा ने शैलेंद्र वर्णवाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा पुलिस मुख्यालय से की है.
फोन टैपिंग के चर्चित मामले में मनोज रतन चौथे की बढ़ सकती है परेशानी
राज्य में फोन टैपिंग के चर्चित मामले का अनुसंधान सीआईडी ने टेकओवर कर लिया है. डोरंडा थाने में सीआईडी के डीएसपी रंजीत लकड़ा ने दर्ज कराये गए केस संख्या 189/20 की जांच सीआईडी के ही इंस्पेक्टर ममता कर रही हैं. सीआईडी में फोन टैपिंग की गड़बड़ी को लेकर सीआईडी ने डोरंडा थाना में मामला दर्ज कराया था. प्राथमिकी में इंस्पेक्टर अजय कुमार साहू के अलावा सीआईडी में पदस्थापित रहे एसपी मनोज रतन चौथे, डीएसपी विनोद रवानी समेत कई पुलिसकर्मियों का नाम है.
आवेदन में कहा कि एसपी और डीएसपी के बयान का भी जिक्र है. दोनों कहते हैं कि उन्होंने सिर्फ इंस्पेक्टर की ओर से लायी जाने वाला पत्र को अग्रसारित किया था. इस मामले की जांच चल रही है. आने वाले दिनों में आईपीएस मनोज रतन चौथे सहित कई अन्य पुलिस अधिकारियों की परेशानी बढ़ सकती है.
बड़कागांव थाना से फरारी की जांच कर रही है सीआईडी
रांची, रामगढ़, चतरा, हज़ारीबाग, लातेहार में सक्रिय अपराधी अमन साहू को सीआईडी ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से रिमांड पर लिया था. पिछले साल 27 सितंबर को बड़कागांव थाना हाजत से अमन साहू की फरारी मामले में दर्ज कांड संख्या 169/19 की जांच सीआईडी कर रही है. कांड के सूचक चौकीदार भुवनेश्वर पासवान, तत्कालीन बड़कागांव थाना प्रभारी (अब बर्खास्त) मुकेश कुमार और एसडीपीओ अनिल सिंह सहित अन्य से सीआईडी पूछताछ कर चुकी है. पूछताछ और कांड में बताए गए तथ्यों के आधार पर सीआईडी के सामने कई विरोधाभाषी बात सामने आई है. सीआईडी अमन साहू की फरारी मामले में दर्ज केस को संदिग्ध मान रही है. सीआईडी अमन को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से पूछताछ के लिए रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है. इस मामले की जांच में कई पुलिस अधिकारियों की परेशानी बढ़ सकती है.
कोयला तस्करी में पुलिस अफसरों की भूमिका की सीआईडी कर रही जांच
मगध-आम्रपाली कोल परियोजना के प्रोजेक्ट अफसर की शिकायत पर बालूमाथ इलाके में कोयला तस्करी की जांच सीआईडी जांच कर रही है. सीआईडी ने लातेहार पुलिस के एसआईटी के द्वारा की गई जांच में आए तथ्यों के आधार पर केस को टेकओवर किया है. इस संबंध में बालूमाथ थाने में दर्ज केस 126/20 के अनुसंधान की जिम्मेदारी डीएसपी स्तर के अधिकारी जेपी चौधरी को दी गई है. सीआईडी कोयला तस्करी में लातेहार के एसडीपीओ रहे रणवीर सिंह, बालूमाथ के थानेदार रहे राजेश मंडल और पूर्व में बालूमाथ में तैनात रहे पुलिस अफसरों के अलावा चतरा, रांची, रामगढ़ समेत अन्य जिलों में कोयला तस्करी में शामिल अफसरों की भूमिका की जांच करेगी. कोयला तस्करी में सीसीएल के अफसरों-कर्मियों की भूमिका की जांच भी सीआईडी करेगी.