Tel Aviv : इजरायल में लंबे समय से सत्ता पर काबिज प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के युग का अंत हो रहा है. खबर है कि विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ने नयी सरकार बनाने को लेकर सहमति जाहिर कर दी है. अब नेफ्टाली बेनेट का इजरायल का अगला प्रधानमंत्री बनना तय करार दिया जा रहा है. नेफ्टाली बेनेट घोर दक्षिणपंथी विचारधारा वाले नेता हैं. वे यहूदी राष्ट्र के कट्टर समर्थक बताये जाते हैं.
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भारत समेत दुनिया पर पड़ेगा असर
बेंजामिन नेतन्याहू की इजरायली राजनीति से विदाई और नये प्रधानमंत्री के रूप में नेफ्टाली बेनेट के आगमन से देश की विदेश नीति का प्रभावित होने तय माना जा रहा है. विपक्ष की बनने वाली सरकार में अलग-अलग विचारधारा वाली पार्टियां शामिल हैं. ऐसे में गजा पट्टी, फिलिस्तीन, हमास, ईरान, लेबनान, हिजबुल्लाह, अमेरिका जैसे ज्वलंत मुद्दों को लेकर भी इन पार्टियों के विचार आपस में बंटे हुए हैं.
थोड़ा पीछे जायें तो इस साल मार्च में हुए चुनाव में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका था. चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद इजरायली राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन ने नेतन्याहू को सरकार बनाने और 2 जून तक बहुमत साबित करने का आदेश दिया था.
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नये गठबंधन में इजरायल की आठ पार्टियां शामिल हैं
सूत्रों के अनुसार नेतन्याहू के तमाम प्रयासों और जोड़तोड़ के बावजूद लिकुड पार्टी अपने सहयोगियों को साध नहीं सकी. उधर विरोधी नेता येर लेपिड ने ऐलान किया कि इजरायल की विपक्षी पार्टियों के बीच नयी सरकार बनाने को लेकर सहमति बन गयी है। इस नये गठबंधन में इजरायल की आठ पार्टियां शामिल हैं. लेपिड के अनुसार पहले यामिना पार्टी के प्रमुख नेता नेफ्टाली बेनेट इजरायल के प्रधानमंत्री बनेंगे. दो साल बाद उनकी जगह येश एटिड पार्टी के नेता येर लेपिड खुद यह दायित्व संभालेंगे.
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विपक्षी गठबंधन में इस्लामी पार्टी भी शामिल
नेतन्याहू की सरकार के खिलाफ बने इस गठबंधन में इजरायल में अरब समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली राम पार्टी भी शामिल है. इजरायली मीडिया में इस समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए विपक्षी नेताओं की एक तस्वीर भी वायरल हो रही है, जिसमें येश एटिड, नेफ्टाली बेनेट और राम पार्टी के मंसूर अब्बास नजर आ रहे हैं. जानकारी के अनुसार नये समझौते के बारे में इजरायली राष्ट्रपति को विपक्षी दलों ने सूचना दे दी है. जल्द ही संसद का सत्र बुलाकर बहुमत साबित किया जायेगा, जिसके बाद नेफ्टाली बेनेट इजरायल के नये प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे.
नेतन्याहू को हटाने के लिए एक हुआ पूरा विपक्ष
इजरायल में अभी तक के इतिहास में किसी भी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका है. इसलिए, 12 साल से इजरायल की सत्ता पर काबिज बेंजामिन नेतन्याहू को हटाने के लिए पूरा विपक्ष एकजुट हो गया. विपक्षी गठबंधन में दक्षिणपंथी रूझान रखने वाली यामिना पार्टी, मध्यमार्गी येश एटिड पार्टी और मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व करने वाली राम पार्टी शामिल हैं.
6 सांसदों वाले नेफ्टाली बेनेट बनेंगे इजरायल के पीएम
इजरायल में पिछले दो साल में चार बार आम चुनाव हो चुके हैं. हर बार की तरह इन चुनावों में भी किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका है. इजरायल की संसद नेसेट में कुल 120 सीटें हैं. इनमें नेफ्टाली बेनेट की यामिना पार्टी के पास 6 सीटें हैं. विपक्ष की जोड़-तोड़ की राजनीति में यामिना पार्टी के चीफ नेफ्टाली बेनेट किंगमेकर बनकर उभरे हैं और उन्हें विपक्षी दलों को पीएम पद देना पड़ा है.
नेफ्टाली बेनेट इजरायल डिफेंस फोर्सेज की एलीट कमांडो यूनिट सायरेत मटकल और मगलन के कमांडो रह चुके हैं. साल 2006 में उन्होंने बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में राजनीति में प्रवेश किया. । जिसके बाद वे नेतन्याहू के चीफ ऑफ स्टाफ बनाये गये. साल 2012 में नेफ्टाली द जुइश होम नाम की पार्टी पर संसद के लिए चुने गये. बाद में वे न्यू राइट और यामिना पार्टी से भी नेसेट के सदस्य बने. 2012 से 2020 के बीच नेफ्टाली 5 बार इजरायली संसद के सदस्य बन चुके हैं. 2019 से 2020 के बीच वह इजरायल के रक्षा मंत्री भी रहे हैं,
राम पार्टी इजरायली अरब मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करती है
विपक्षी गठबंधन में शामिल राम पार्टी इजरायली अरब मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करती है. उसका मानना है कि फिलिस्तीनियों को उनका हक मिलना चाहिए और इजरायल को नयी कॉलोनिया बनाने के प्रयास को रोककर जेरुशलेम पर से दावा छोड़ना चाहिए. वहीं प्रधानमंत्री बनने जा रहे नेफ्टाली बेनेट घोर दक्षिणपंथी विचारधारा वाले नेता हैं. वे यहूदी राष्ट्र के कट्टर समर्थक बताये जाते हैं. इस गठबंधन के प्रमुख नेता और नेफ्टाली के बाद के प्रधानमंत्री बनने वाले येश एटिड मध्यमार्गी विचारधारा के नेता हैं.