Patna: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये की मांग लंबे समय से होती रही है. वहीं केंद्र में फिर से एनडीए की सरकार बनने के बाद से यह मांग और तेज हो गयी है. इस बीच केंद्रीय मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इस पर अपना बयान देकर बिहार का सियासी तापमान बढ़ा दिया है. दरअसल जीतनराम मांझी ने कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा संभव नहीं है. नीति आयोग ने शुरू में ही स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है. लेकिन, केंद्र बिहार को विशेष मदद करने के लिए सदैव तत्पर है. मांझी ने कहा है कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों में सड़कों का जाल बिछा रही है. इन इलाकों के समग्र विकास के लिए भारी पैमाने पर कदम उठाया जा रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार बिहार के भी तीव्र विकास की पक्षधर है और उसी दिशा में काम किया जा रहा है. वहीं एनडीए की सहयोगी पार्टी जेडीयू की तरफ से एक बार फिर से विशेष राज्य की दर्जे की मांग तेज हो गयी है.
यह जदयू की सबसे अहम मांग हैः श्रवण कुमार
जेडीयू के राज्य सभा सांसद सह पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा से लेकर बिहार सरकार में जेडीयू कोटे के मंत्री श्रवण कुमार तक यह कह रहे हैं कि यह हमारी पार्टी की सबसे मजबूत और अहम मांग है. हम अपनी इस मांग को समय-समय पर उठाते रहे हैं. हमे उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस बार इस पर विचार जरुर करेगी क्योंकि अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलता है तो ना सिर्फ बिहार का चौमुखी विकास होगा बल्कि बिहार में कल कारखाने से लेकर नए उद्योग नीति लागू होगी. जिसका फायदा पूरे बिहार और बिहारवासियों को मिलेगा. बिहार से पलायन भी रुकेगा. इधर जेडीयू की इस मांग का समर्थन बिहार बीजेपी के नेता भी करते हैं. बीजेपी कोटे से नीतीश सरकार में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा भी इस मांग को लेकर हाल ही में केंद्र सरकार का दरवाज़ा खटखटाकर पटना लौटे हैं. सम्राट चौधरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की है. मुलाकात के बाद पटना लौटे उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी कहते हैं कि विशेष राज्य या विशेष पैकेज मिलने के बाद ही बिहार की स्थिति में सुधार होगी. बिहार जिस सोच के साथ आगे बढ़ना चाहता है बढ़ पायेगा. वहीं विजय सिन्हा का भी कहना है कि बिहार को रफ़्तार देने के लिए विशेष सहायता जरुरी है.
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