दामोदर नदी में पानी से अधिक खून बहेगा और इसके लिए सरकार होगी जिम्मेवार- जयराम महतो

छात्रों का हजारीबाग में महाजुटान, नियोजन नीति की मांग को लेकर छात्रों ने किया प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ लगे नारे
Hazaribagh : युवा टाइगर के नाम से जाने जाने वाले जयराम महतो बुधवार को हजारीबाग में सरकार के खिलाफ जमकर गरजे. उन्होंने यहां तक कह डाला कि अगर नियोजन नीति नहीं बनी और रोजगार नहीं मिला, तो झुमरा पहाड़ पर हम लोग सरकार बनाएंगे. दामोदर नदी में पानी से अधिक खून बहेगा और इसके लिए सरकार जिम्मेवार होगी. दरअसल हजारीबाग में नियोजन आक्रोश महाआंदोलन में हजारीबाग के अलावा आस-पास के जिले से काफी संख्या में छात्र-छात्राएं जुटे थे. कहा जाए तो छात्रों का महाजुटान जिले में हुआ था. यहां छात्रों ने जमकर राज्य सरकार पर आरोप लगाये. छात्रों की मांग है कि झारखंड में जल्द से जल्द नियोजन नीति लागू किया जाए. नियोजन नीति लागू नहीं होने के कारण राज्य भर में अराजकता की स्थिति आ गई है और छात्र रोजगार पाने के लिए तरस रहे हैं.
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खुद को अगर झारखंडी कहते हैं, तो क्या बुराई है- जयराम महतो
कार्यक्रम का नेतृत्व जयराम महतो ने किया. छात्रों के साथ वो सड़क पर उतरे और सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की. उन्होंने कहा कि एक समय था जब झारखंड की गिनती अग्रणी राज्य में होती थी. लेकिन अब यह राज्य नीचे से पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे के लिए मशक्कत कर रहा है. क्या इसी के लिए झारखंड बना था. उन्होंने कहा कि वह शहीद के बेटे हैं और उनके पिता के खून से राज्य बना है. ऐसे में खुद को अगर झारखंडी कहते हैं, तो क्या बुराई है. बिहार के लोग खुद को बिहारी, महाराष्ट्र के लोग खुद को मराठी कहते हैं, तो झारखंड के लोग खुद को झारखंडी क्यों नहीं कहें.
कई सवालों के झारखंड सरकार से मांगे जवाब
जयराम महतो ने राज्य सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जो झारखंड में पैदा लेगा, वह झारखंड का होगा, यह कहना असंवैधानिक है. अगर कोई अस्पताल में जन्म लेता है तो क्या अस्पताल उसका हो जाता है. इसका जवाब सरकार दे. दूसरी ओर जयराम का यह भी कहना है कि मैट्रिक या 12वीं की परीक्षा पास करने वाला झारखंड का कैसे हो सकता है. अगर कोई बाहर से आकर झारखंड में दसवीं और बारहवीं की परीक्षा देता है, तो क्या वह झारखंडी हो जाएगा, इसका भी जवाब सरकार दे.
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1932 खतियान पर आधारित स्थानीय नीति की वकालत की
जयराम महतो ने 1932 खतियान पर आधारित स्थानीय नीति की वकालत की. साथ ही यह भी कहा कि आज सरकार संविधान के जानकारों से राय ले रही है. यही नीति बनाने के पहले अगर राय लेती, तो आज यह स्थिति नहीं बनती. जयराम महतो का यह भी कहना है कि सरकार के पास न तो विजन है और न ही योजना. यही कारण है कि राज्यपाल ने स्थानीय नीति को वापस कर दिया और सरकार अब बैकफुट पर है. अगर नियोजन नीति नहीं बनेगी, तो बड़ा आंदोलन भी सरकार को झेलना होगा.
“…तो हम लोग इस सरकार को भी हटाने का काम करेंगे”
आईएएस अधिकारी पॉलिसी बनाते हैं लेकिन झारखंड के आईएएस पॉलिसी बनाने में विफल साबित हुए हैं. उन्होंने मंच से ऐलान किया कि चुनाव का समय आ रहा है. हम लोग समीक्षा करें. अगर सरकार हम लोगों को दुरुस्त नियोजन नीति नहीं दे सकती है, तो हम लोग इस सरकार को भी हटाने का काम करेंगे. 15 दिनों के अंदर सरकार नियोजन नीति स्पष्ट करे. साथ ही यह भी कह डाला कि सरकार की नियोजन नीति नहीं लागू होने से छात्रों को नौकरी नहीं मिल रही है और वह हथियार उठाने को विवश हैं.
झारखंड सरकार ने हम लोगों की कमर तोड़ दी है : मनोज
इस आक्रोश रैली में रांची से भी आंदोलनकारी हजारीबाग पहुंचे छात्र नेता मनोज ने कहा कि झारखंड सरकार ने हम लोगों की कमर तोड़ दी है. समय दर समय बीतता चला गया, लेकिन नियोजन नीति धरातल पर नहीं उतरी. सरकार जोहार यात्रा निकालने में व्यस्त है, लेकिन नियोजन नीति के बारे में उनके पास किसी सवाल का जवाब नहीं है. मनोज ने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि जातिवाद के चक्कर में नहीं पड़ें. अच्छा इंसान बनना है और हम लोगों को नई नियोजन नीति लेनी है. वहीं उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार एक तरफ से परिवार नियोजन का काम कर रही है, युवाओं को रोजगार नहीं दे रही है. ऐसे में उनकी शादी नहीं हो रही है और शादी नहीं होगी, तो बच्चे भी नहीं होंगे. सरकार जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए ही नियोजन नीति धरातल पर नहीं उतार रही है. उन्होंने मंच से सरकार पर निशाना साधा और कहा है कि नियोजन नीति अगर लागू नहीं होती है, तो सरकार आंदोलन झेलने के लिए तैयार रहे. हम लोग सरकार को इस बार गिरा देंगे.
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हम सरकार के खिलाफ नहीं, सिर्फ नियोजन नीति चाहिए ताकि नौकरी पा सकें : सोनम
वहीं जयराम महतो का भाषण सुनने आयी छात्रा सोनम ने कहा कि वे लोग जयराम का समर्थन कर रही हैं. कोई तो ऐसा है जो सरकार के खिलाफ खुलकर बोल रहा है. वे लोग सरकार के खिलाफ नहीं हैं, सिर्फ और सिर्फ नियोजन नीति चाहिए ताकि नौकरी पा सकें. सोनम का कहना है कि पिछले 10 साल से तैयारी कर रही हैं. लेकिन कभी परीक्षा रद्द हो जाती है, तो कभी परीक्षा का परिणाम नहीं आता है. आप समझ सकते हैं कि छात्रों की क्या स्थिति हो गई है. लॉज और हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. माता-पिता बहुत ही मेहनत से पैसे देते हैं. लेकिन सरकार को यह समझ में नहीं आ रही है.
नियोजन नीति लागू नहीं होने से विद्यार्थी सड़क पर : कांति
वहीं दिव्यांग कांति भी आंदोलन में पहुंची. कांति बताती हैं कि वे लोग सरकार से एक ही मांग कर रहे हैं कि नियोजन नीति लागू करें. नियोजन नीति लागू नहीं होने से विद्यार्थी सड़क पर हैं. छात्र का काम पढ़ाई करना है न कि आंदोलन करना है. लेकिन सरकार ने आंदोलन के लिए विवश कर दिया है. आज सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं, यह अच्छा भी नहीं लगता है. हम लोग बहुत ही मेहनत से पढ़ाई करते हैं, घरवाले पैसे देते हैं. लेकिन उस पैसे का कोई लाभ हम लोगों को नहीं दिख रहा है.

अगर छात्र को नौकरी नहीं मिलेगी तो वह आखिर कहां जाएगा : बैजनाथ
हजारीबाग के बैजनाथ भी इस आंदोलन में जयराम महतो के साथ दिखे. बैजनाथ कहते हैं कि पिछले सात साल से वह लॉज में रहकर तैयारी कर रहे हैं. उनका घर गांव में है. ट्यूशन पढ़कर वे लोग तैयारी करते हैं. लेकिन यह सरकार नियोजन नीति भी नहीं दे रही है. नियोजन नीति स्पष्ट नहीं होने से रोजगार नहीं मिल रहा है और समय बीतता जा रहा है. समझा जा सकता है कि अगर छात्र को नौकरी नहीं मिलेगी, तो वह आखिर कहां जाएगा.

