– सेवानिवृत रेलकर्मी चुंबक बाबा के नाम से है क्षेत्र में प्रसिद्ध
Jamshedpur (Ratan Singh) : बूढ़ापे में लोग अराम करते हैं और किसी भी कार्य के प्रति दिलचस्पी नहीं दिखाते पर जमशेदपुर के एक शख्स ठीक इसके विपरित 74 साल की उम्र में सड़क, क्षेत्र और गलियों को साफ सफाई कर युवाओं प्रेरणा दे रहे है. दरअसल, सोपोडेरा में रहनेवाले सेवानिवृत रेलकर्मी लखन विश्वकर्मा को गली मुहल्ले में कहीं गंदगी दिखती है, तो वे उसे इकट्ठा करके जला देते हैं, ताकि लोगों को परेशानी न हो. इतना ही वे अपने साथ एक चुंबक लेकर चलते है. जहां भी उन्हें सड़क पर बिखरी कील अथवा लोहे की अथवा वास्तु दिखाई देती है वह उसे चुंबक से समेट कर एक किनारे में रख देते है ताकि कोई गाड़ियां इससे पंचर न हो. इनका यह शौक काफी पुराना है. रिटायर्मेंट के पहले से वे साफ-सफाई के कार्य में जुटे है. चुम्बक के कारण उन्हें लोग चुंबक बाबा के नाम से भी जानते है.
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शहर से बाहर रहने पर भी करते है सफाई
वे कहते हैं कि शादी पार्टी या समारोह के दौरान सड़क पर ही पंडाल का निर्माण किया जाता है. पंडाल निर्माण में मजदूर लोहे की कील का उपयोग करते हैं. पार्टी समाप्त होने पर मजदूर कील निकाल कर सड़क पर ही फेंक देते हैं, जिससे उस मार्ग से गुजरने वाले लोगों की बाइक या कार पंक्चर हो जाती है. पैदल राहगीरों के पैरों में कील चुभ जाती है. इसलिए वे जहां कहीं भी कील फेंका हुआ देखते हैं, तो उसे इकट्ठा कर किसी कोने में फेंक देते हैं. इसके लिए वे अपने पास हमेशा एक चुंबक रखते हैं, उस चुंबक को रस्सी के सहारे फेंके गये कील को चिपका लेते हैं और उसे ऐसे स्थान पर फेंकते हैं जिससे किसी को परेशानी न हो. वह अपने इलाके के साथ-साथ कभी बाहर भी रहते है तो वहां भी सफाई अभियान चलाते है. गली मोहल्लों की नालियां जाम होने पर वे खुद ही सफाई में जुट जाते है.
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होता है गर्व महसूस
लखन विश्वकर्मा बताते हैं कि लोग उन्हें ऐसा करता देख कई मायने निकाल लेते है. लेकिन उन्हें ऐसा करने में कोई शर्मिंदगी महसूस नहीं होती है, बल्कि गर्व महसूस होता है. वे कहते है कि ऐसा करने से अगर दो लोग भी जागरूक होते है, तो मेरा उद्देश्य सफल हो जाता है. इससे लोगों की मानसिकता बदलेगी और स्वच्छता के प्रति उनका नजरिया बदलेगा. रेलवे के एमसीएम विभाग से रिटायर होने के बाद से लखन विश्वकर्मा लोगों को स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं. एक बेटा है जो बायो टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर अहमदाबाद में एक कंपनी का मैनेजर है. चार बेटियों में से तीन की शादी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अगर सभी लोग इस तरह की पहल करें और अपनी जिम्मेदारी समझे तो स्वच्छ भारत का सपना पूरा हो सकता है.
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