- 12वीं तक अभिवंचित वर्ग के बच्चों को मिले निःशुल्क शिक्षा
- नई शिक्षा के प्रावधान शहर के निजी स्कूलों में हो लागू
- अभिभावक संघ का उपायुक्त कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन
Jamshedpur (Sunil Pandey) : शहर के निजी स्कूलों में अभिवंचित वर्ग के बच्चों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. उक्त आरोप जमशेदपुर अभिभावक संघ ने लगाया. संघ का कहना है कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के लागू होने के बाद निजी स्कूलों में प्रवेश कक्षा से लेकर 8वीं तक की पढ़ाई निःशुल्क हो रही है. 8वीं कक्षा के बाद अभिवंचित वर्ग के बच्चों को भारी-भरकम फीस देने का दबाव बनाया जाता है. यहां तक की भरी क्लास में बच्चों का उपहास उड़ाया जाता है. जिससे बच्चों की मानसिकता पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे में नई शिक्षा नीति के तहत 12वीं कक्षा तक ऐसी श्रेणी के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाय. केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति में इसका प्रावधान भी लागू किया है. लेकिन निजी स्कूल उसे मानने को तैयार नहीं है.
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निजी स्कूलों की मनमानी पर लगे रोक
अभिभावक संघ के अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की है. इससे जुड़ा कानून भी बना है. ऐसे में नई नीति की जानकारी स्कूलों को दी जाय. साथ ही उसका कड़ाई से पालन कराया जाय. उन्होंने कहा कि अभिवंचित वर्ग के अभिभावक सरकार के भरोसे बच्चों का दाखिला कराया. लेकिन सरकार 8वीं कक्षा तक ही निजी स्कूलों को मदद कर रही है. ऐसे में ऊपरी कक्षा में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों की प्रतिभा मार खा रही है. उन्होंने कहा कि इस तरह का वााकया मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल में सामने आया है. इसलिए उपायुक्त, जिला शिक्षा अधीक्षक एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी उक्त स्कूल के अलावे जिले के सभी निजी स्कूलों में नई शिक्षा नीति-2020 को लागू करवाने तथा 12 वीं तक निःशुल्क शिक्षा देने की मांग की गई. इससे पहले दर्जनों की संख्या में आए अभिभावकों ने उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा सरकार से निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की.
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