Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : केंद्र सरकार की कृषि नीति के विरुद्ध व किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी विरोध कार्यक्रम के समर्थन में 26 नवंबर को साकची गोलचक्कर पर भारतीय ट्रेड यूनियन केन्द्र(सीटू) की ओर से एकजुटता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.
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लंबित मांगों को पूरा करने में केंद्र सरकार विफल
इस संबंध में सीटू के कोल्हान के महासचिव विश्वजीत देव ने कहा कि 2020 में संविधान दिवस यानी 26 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी मांगों पर दिल्ली के चारों ओर ऐतिहासिक अनिश्चितकालीन धरना का कार्यक्रम शुरू किया था. इस आंदोलन के कारण केंद्र सरकार को आखिरकार 19 नवंबर 2021 को “तीन कृषि कानून” वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था. लेकिन आज भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की वैधानिक प्रावधान, ऋण माफी तथा “बिजली संशोधन अधिनियम 2020”, चार श्रम संहिता, वन (संरक्षण) अधिनियम में जनविरोधी संशोधन को रद्द करना, जैसे अन्य लंबित मांगों को पूरा करने में केंद्र सरकार की उदासीन रवैया के विरोध में “संयुक्त किसान मोर्चा” के आह्वान पर देशव्यापी कार्यक्रम के तहत सीटू से संबद्ध यूनियनों ने कार्यस्थल स्तर पर एकजुटता प्रदर्शन कार्यक्रमों के अलावा, 26 नवंबर को बिरसा चौक, साकची में नुक्कड़ सभा के माध्यम एकजुटता प्रदर्शन किया जाएगा.
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