- ग्रामीण जलापूर्ति योजना में भी अभी काम अधूरा,
- याचिकाकर्ता ने विभाग पर झूठा शपथ पत्र दाखिल करने का लगाया आरोप
- हाउसिंग कॉलोनी ट्रीटमेंट प्लांट मामले की सुनवाई 10 सितंबर को होगी
Jamshedpur (Sunil Pandey) : बागबेड़ा हाउसिंग कालोनी जलापूर्ति योजना के पूरी होने की डेडलाइन आज समाप्त हो गई. इस योजना के लिए विभाग ने गत वर्ष ही 188 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की थी. राशि मिलने के बाद पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने हाई कोर्ट एवं बाद में उपायुक्त के न्यायालय में 27 अप्रैल 2023 को शपथ पत्र दाखिल कर 15 महीने में कार्य पूर्ण करते हुए जलापूर्ति शुरू करने की बात कही थी. लेकिन काम पूरा नहीं हो पाया. शुक्रवार को डीसी कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से विभाग पर झूठा शपथ पत्र दाखिल करने का आरोप लगाया गया. सुबोध झा ने बताया कि इसके लिए डीसी के कोर्ट ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को फटकार भी लगायी.
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विभाग जानबूझकर मामले को लटकाता रहा
काम पूरा नहीं होने पर याचिकाकर्ता सुबोध झा एवं अन्य ने विभाग को कटघरे में खड़ा किया. सुबोध झा ने कहा कि विभाग जानबूझकर मामले को लटकाते रहा. बगैर काम शुरू किए ही कोर्ट को बता दिया कि काम प्रारंभ हो गया है. इसकी जानकारी जब याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को दी गई तो आनन-फानन में मंत्री व विधायक ने निर्माण कार्य का शिलान्यास किया. अभी फिल्टर प्लांट का आधा भी काम नहीं हुआ है. ऐसे में योजना कब पूरी होगी इसकी गारंटी लेने वाला कोई नहीं है.
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जुलाई में ही योजना करना था पूरा
ज्ञात हो कि बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना के तहत 1140 घरों में पहले जलापूर्ति की जाती थी. गंदे एवं बगैर फिल्टर किए गए पानी की आपूर्ति होने के कारण क्षेत्र के लोगों के आंदोलन पर सरकार ने नया ट्रीटमेंट प्लांट के लिए आवंटन दिया. हाउसिंग कॉलोनी एवं बागबेड़ा वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना की सुनवाई हाई कोर्ट में हो रही थी. लेकिन हाई कोर्ट ने हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना की सुनवाई की फाइल डीसी कोर्ट को लौटाते हुए सुनवाई का निर्देश दिया. दूसरी ओर बागबेड़ा बृहत ग्रामीण जलापूर्ति योजना भी अभी खटाई में है. विभाग सुस्त गति से काम कर रहा है. इसी माह योजना पूर्ण कर ली जानी थी. लेकिन अभी भी काफी काम अधूरा है. ऐसे में उक्त योजना के भी समय पर पूरा होने की उम्मीद नहीं है.
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